त्यौहार बकरीद का, लेकिन काटना है गाय ! गुजरात से मौलाना मौलाना अब्दुल रहीम राठौड़ गिरफ्तार

अहमदाबाद: गुजरात के भरुच में एक मौलाना ने बकरीद के त्यौहार पर अन्य पशुओं की कुर्बानी के साथ साथ गाय की कुर्बानी देने की बात कही थी। सोशल मीडिया पोस्ट भी इस संबंध में वायरल हो रहे थे। अब भरुच पुलिस ने आरोपित मौलाना अब्दुल रहीम राठौड़ को अरेस्ट कर लिया है। आरोपी मौलाना, भरुच के आमोद स्थित दारुल उलूम बरकत ख्वाजा नाम से मदरसे का संचालन करता है। बता दें कि, भारत के 28 राज्यों में से 20 राज्यों में गायों के वध या बिक्री पर रोक लगाने वाले, वध की गई गाय के अधिनियम को विनियमित करने वाले विभिन्न कानून हैं, जिन्हे अदालत ने भी बरक़रार रखा है। हालाँकि, बंगाल, केरल, तमिलनाडु ये कुछ राज्य हैं, जहाँ राज्य सरकारों ने गौहत्या की अनुमति दे रखी है। बता दें कि, भारत में मौजूदा मांस निर्यात नीति के मुताबिक, गोमांस (गाय, बैल और बछड़े का मांस) का निर्यात प्रतिबंधित है। मांस में अस्थि, शव, भैंस का आधा शव भी प्रतिबंधित है और इसे निर्यात करने की अनुमति नहीं है। निर्यात के लिए केवल भैंस के कमजोर मांस, बकरी और भेड़ और पक्षियों के मांस की इजाजत है। इसी को BEEF कहा जाता है, जिसे कुछ लोग गौमांस समझ लेते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आमोद में स्थित इस्लामिक संस्था दारुल उलूम बरकत ख्वाजा के नाम से एक पोस्ट वायरल हुई थी, जिसमें मुस्लिम समुदाय को गाय की कुर्बानी देने के लिए कहा गया था। इस मामले में भरूच पुलिस ने एक मौलवी के खिलाफ FIR दर्ज कर उसे अरेस्ट कर लिया। आरोपित की शिनाख्त, मौलाना अब्दुल रहीम राठौड़ के रूप में की गई, जो आमोद स्थित दारुल उलूम बरकत ख्वाजा चलाता है। गुअजरत पुलिस ने पहले उसके खिलाफ हिरासत में कार्रवाई करने के बाद IPC और IT अधिनियम की धाराओं में भी केस दर्ज किया था और बाद में उसे अरेस्ट कर लिया था। पुलिस ने बताया है कि इसी मौलाना के खिलाफ पहले भी अवैध धर्म परिवर्तन के आरोप में मामला दर्ज किया जा चुका है।

स्थानीय पुलिस अधिकारी ने बताया है कि बकरीद के पर्व के मद्देनज़र भरुच पुलिस लगातार सोशल मीडिया पर नजर रख रही है। इससे कुछ दिन पहले, सोशल मीडिया पर ‘कुर्बानी के तरीके’ नाम से एक पोस्ट वायरल हो रही थी, जिसमें बड़े जानवरों की कुर्बानी के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई थी। इस पोस्ट में गाय की कुर्बानी के बारे में भी बताया गया था। ये पोस्ट दारुल उलूम बरकत ख्वाजा का संचालन करने वाले अब्दुल रहीम राठौड़ ने की थी। जिसके बाद पुलिस ने उचित धाराओं में FIR दर्ज उसे अरेस्ट कर लिया है। पुलिस ने कहा कि फिलहाल भरुच जिला SOG इस मामले की छानबीन कर रही है और जो भी इस कृत्य में मौलाना के साथ शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस ने बताया है कि, आरोपित मौलाना के खिलाफ वर्ष 2021 में भी अवैध धर्मांतरण का केस दर्ज किया गया था। इस मामले में उसके खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है और मामले में सुनवाई जारी है। बताया जा रहा है कि मौलाना उस मामले में जेल जा चुका है, लेकिन जमानत पर छूट गया था।

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