उज्जैन : अपंग आश्रम के विधि अध्ययन एवं शोध केन्द्र के तत्वावधान में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर को संबोधित करते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री बी.के. श्रीवास्तव ने कहा कि दूसरों के दर्द को बांटें वही इंसान है। जो लोग अपने माता-पिता को आश्रमों में रहने को मजबूर करते हैं, उन्हें भी यह नहीं भूलना चाहिए कि उनके कर्म भी उन्हें आश्रमों तक ले जाएंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपंग सेवाश्रम के अध्यक्ष आनंदीलाल जोशी ने की। इस अवसर पर मण्डल अभिभाषक संघ अध्यक्ष प्रमोद चौबे तथा संस्था संयोजक योगेश व्यास, संरक्षक दिनेश पण्ड्या, उपाध्यक्ष हरदयालसिंह ठाकुर आदि ने संबोधित किया तथा अपंग आश्रम के सचिव रामचन्द्र सोलपंखी को शॉल-श्रीफल तथा अभिनंदन पत्र से सम्मान किया। इस अवसर पर मंडल अभिभाषक संघ सचिव ओम सारवान, सह सचिव प्रणव गर्ग, कमलसिंह आंजना आदि सहित न्यायिक अधिकारी तथा संस्था पदाधिकारीगण उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अखिलेश पाल ने किया। आभार संस्था अध्यक्ष नितिन जोशी ने माना। मध्यप्रदेश में धर्म परिवर्तन के लिए ले जाए जा रहे थे आदिवासी बच्चे बारिश के बाद शुरु होगी शिप्रा सेवा यात्रा