मुंबई: लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र की बारामती सीट पर विशेष ध्यान केंद्रित था, क्योंकि यहाँ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के दो धड़ों में एक गंभीर आंतरिक कलह उभर कर सामने आई थी। इस सीट पर दो प्रमुख उम्मीदवार थे: अजित पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा था, जबकि शरद पवार गुट की ओर से उनकी बेटी सुप्रिया सुले चुनावी मुकाबले में थीं। चुनाव के परिणामों ने अजित पवार को एक बड़ा झटका दिया और सुप्रिया सुले ने जीत हासिल की, जो लगातार इस सीट पर जीतती आई हैं। इस चुनावी हार ने अजित पवार की राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर दिया और उन्होंने राज्य की केवल एक सीट पर ही जीत दर्ज की। अजित पवार ने बारामती में पत्नी और बहन के आमने-सामने आने को अपनी गलती बताया और कहा कि यह कदम गलत था। उन्होंने मंगलवार को स्वीकार किया कि उन्हें अपनी पत्नी को अपनी बहन के खिलाफ चुनावी मैदान में नहीं उतारना चाहिए था। अजित पवार ने यह भी कहा कि अब इस फैसले को बदलना संभव नहीं है क्योंकि इसे संसदीय बोर्ड द्वारा अंतिम रूप से तय किया गया था। एक कार्यक्रम में पूछे गए सवाल पर अजित पवार ने राजनीति और पारिवारिक रिश्तों के बीच फर्क करते हुए कहा कि राजनीति की अपनी जगह है और उसे घर के भीतर नहीं घुसाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वह रक्षाबंधन के दौरान बारामती में होते हैं, तो वह निश्चित रूप से अपनी बहन सुप्रिया सुले से मिलेंगे। बारामती लोकसभा क्षेत्र में शरद पवार और अजित पवार के गुटों के बीच संघर्ष ने चुनाव को और भी महत्वपूर्ण बना दिया था। हालांकि सुप्रिया सुले और सुनेत्रा पवार के बीच मुकाबला काफी कड़ा था, लेकिन अंततः शरद पवार की अगुवाई में उनके गुट ने बारामती सहित महाराष्ट्र की कई सीटों पर जीत दर्ज की। 'सुरक्षा नहीं तो ड्यूटी नहीं..', कोलकाता कांड पर उबला पूरा देश, कई जगह डॉक्टरों की हड़ताल, मरीज बेहाल सावधान, शरीर पर बम बांधकर फट सकते हैं आतंकी..! ख़ुफ़िया एजेंसियों ने जारी किया अलर्ट, 15 अगस्त के मद्देनज़र सुरक्षा सख्त शेख हसीना ने की किराना दुकानदार की हत्या..! बांग्लादेश में सत्ता पलटते ही खेल शुरू, पूर्व पीएम पर दर्ज हुआ मर्डर केस