यूरोपियन चैंपियन इटली लगातार दूसरी बार फीफा वर्ल्ड कप खेलने से चूक चुके है। इटली को प्लेऑफ में नार्थ मकदूनिया के हाथों 0-1 की सनसनीखेज हार का सामना करना पड़ा और इसके साथ ही वह फुटबॉल वर्ल्डकप से बाहर हो चुके है। इटली को यह हार यूरो 2020 के फाइनल में वेंबली में इंग्लैंड को हराने के 8 माह के उपरांत मिली है। नार्थ मकदूनिया का अब 29 मार्च को पाथ सी क्वालिफाइंग के फाइनल में पुर्तगाल से मुकाबला होने वाला है। इटली ने मैच में दबाव बनाया लेकिन नार्थ मकदूनिया के डिफेंस में सेंध नहीं लगाई गई है। अलेक्सेंडर ट्राजकोवस्की ने 92वें मिनट में सनसनीखेज गोल दागकर नार्थ मकदूनिया के समर्थकों को जश्न मनाने का अवसर दे दिया जबकि इटली के खिलाड़ी निराशा में मैदान में घुटनों के बल बैठ चुके थे। 2006 में बनी थी चैम्पियन: इटली अब तक 2 बार FIFA वर्ल्ड कप जीत चुका है। पहली बार 1982 में तो दूसरी बार 2006 में। लेकिन जिसके उपरांत उनका प्रदर्शन स्तरीय नहीं रहा। 2010 और 2014 में इटली ग्रुप स्टेज से आगे नहीं बढ़ सकी है। जिसके उपरांत 2018 और 2022 में लगातार दो बार इटली फीफा विश्व कप के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाए है। इतालवी फुटबॉल महासंघ के तीन रैफरी FIFA वर्ल्ड कप के अहम मैचों में अपनी भूमिका अदा कर चुके हैं। सबसे अधिक बार रैफरी बनने का रिकॉर्ड इंगलैंड (4) के नाम पर है। अर्जेंटीना और नीदरलैंड के मध्य 1978 में हुए फाइनल का नेतृत्व सर्जियो गोनेला ने कर दिया है। जिसके उपरांत 2002 फाइनल में पियरलुइगी कोलिना और 2014 फाइनल में निकोला रिजोली ने हिस्सा लिया। सबसे अधिक वर्ल्डकप मैचों में इतालवी रेफरी रॉबर्टो रोसेटी की भूमिका थी। जिन्होंने 2006 और 2010 में कुल छह मैच खेले। ओसाका की मियामी के हाथ आई एक और जीत IPL 2022: धोनी की कप्तानी का कायल हुआ RCB का कप्तान, कहा- उनके नेतृत्व में खेलना मेरा सौभाग्य IPL 2022: 'गुजरात टाइटंस' के लिए ओपनिंग कर सकते हैं हार्दिक पांड्या, शुभमन गिल भी तैयार