इटली में हालिया दिनों राजनितिक संकट पैदा हो गया है. जिसकी वजह जनवादी पार्टियों के सत्ता पर काबिज होने न होना बताया जा रहा है. यहाँ के राष्ट्रपति नए चुनावों से पहले अस्थायी सरकार का नेतृत्व करने के लिए एक अर्थशास्त्री को नियुक्त करने वाले हैं. यहाँ पर वकील और राजनीति में कम अनुभव रखने वाले 53 वर्षीय गियूसेप कोंटे ने कहा, ‘‘मैंने बदलाव की सरकार बनाने के अपने जनादेश को त्याग दिया है.’’ मार्च के अनिर्णायक आम चुनाव के बाद देश में फिर से राजनीतिक संकट पैदा हो गया है. इसके बाद मैटरेला ने कहा कि उन्होंने सावोना को छोड़कर मंत्री पद के लिये दिये गए सभी नामों को स्वीकार कर लिया था. इटली में राष्ट्रपति सर्गियो मैटरेला ने अर्थव्यवस्था मंत्री पाओलो सवोना के नाम पर वीटो कर दिया जिससे जनवादी राजनीतिक पार्टी फाइव स्टार मूवमेंट और घोर दक्षिणपंथी लीग नाराज हो गई तथा उनकी ओर से प्रधानमंत्री पद के लिये नामित किये नेता ने खुद को इस दौड़ से अलग कर लिया है. यह पर सावोना ने यूरो को ‘जर्मन पिंजड़ा’ बताया था . उन्होंने कहा था कि ‘जरूरत पड़ने पर’ इटली को एकल मुद्रा छोड़ने की योजना बनाने की आवश्यकता है. फाइव स्टार और लीग के नेताओं लुइगी दि माइओ और मैटिओ साल्विनी ने वीटो की भर्त्सना की और जर्मनी , रेटिंग एजेंसियों तथा वित्तीय लॉबियो पर इसमें आरोप लगाया था. दिल्ली मेट्रो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी-लंबी मेट्रो बनेगी ओमान में तूफ़ान. 3 भारतीयों सहित 11 ने गंवाई जान पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति हुए अस्पताल में भर्ती