कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू और उनके करीबियों के ठिकानों पर IT डिपार्टमेंट की छापेमारी में 200 करोड़ रुपये कैश जब्त किया जा चुका है। गौरतलब है कि छापेमारी में 9 अलमारियां नोटों से भरी पाई गईं और नोटों को गिनने के लिए मशीनें मंगवानी पड़ गई। खबरों का कहना है कि, 200 करोड़ रुपये की गिनती हो चुकी है और अभी भी नोटों की गिनती चल रही है। ऐसे में जब्त रकम अभी और ज्यादा बढ़ने का अनुमान है। नौ अलमारियों में मिले 200 करोड़ रुपये कैश: खबरों का कहना है कि धीरज साहू एक बड़े उद्योगपति हैं और शराब बनाने वाली कंपनी बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े हैं। IT डिपार्टमेंट ने ग्रुप के झारखंड-ओडिशा और बंगाल के 10 ठिकानों पर छापेमारी की। IT डिपार्टमेंट ने बलदेव साहू कंपनी के बोलांगीर स्थित कार्यालय से 30 किलोमीटर दूर सतपुड़ा ऑफिस में छापेमारी में 200 करोड़ रुपये कैश बरामद कर लिए गए है। इतना ही नहीं नोटों के बंडल ऑफिस की 9 अलमारियों में भरे रखे थे। नोट 500, 200 और 100 रुपये को गड्डियों में सजे हुए थे। इतनी बड़ी संख्या में कैश मिलने के उपरांत आयकर विभाग की टीम ने मशीनों से नोट गिनकर 157 बैगों में भरा, जब बैग कम पड़ गए तो बोरियों में नोट भरे गए और उसके बाद एक ट्रक में डालकर इन्हें बैंक लेकर पहुंचे। ओडिशा की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज: ख़बरों का इस बारें में कहना है कि बलदेव साहू एंड ग्रुप ऑफ कंपनीज पश्चिमी ओडिशा की सबसे बड़ी देशी शराब निर्माता और विक्रेता कंपनियों में से एक बताई जा रही है। इस कंपनी में कांग्रेस सांसद धीरज साहू के अलावा उनके परिवार के राजकिशोर साहू, स्वराज साहू और परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद थे। ओडिशा का कारोबार उनके भाई संजय साहू और दीपक साहू संभालते हैं। बता दें कि धीरज साहू के परिवार के स्वामित्व वाले इस ग्रुप में बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड (बीडीपीएल) के साथ बलदेव साहू इंफ्रा लिमिटेड, क्वालिटी बॉटलर्स और किशोर प्रसाद-विजय प्रसाद बेवरेज लिमिटेड कंपनियां शामिल हैं। आयकर विभाग ने इन सभी कंपनियों को ठिकानों पर छापेमारी भी की जा चुकी हैं। बलदेव साहू इंफ्रा लिमिटेड फ्लाई ऐश ब्रिक्स बनाने का काम करती है और बाकी तीन कंपनियां शराब कारोबार से जुड़ी हैं। IT डेपार्टमेंट की 40 सदस्यों वाली टीम ने बुधवार सुबह साढ़े छह बजे से ओडिशा के बौध, बोलांगीर, रायगढ़ा और संबलपुर, झारखंड के रांची-लोहरदगा और कोलकाता में एक साथ छापेमारी भी की जा चुकी है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि IT डेपार्टमेंट ने कंपनी के कई खातों को फ्रीज कर दिया है। आयकर विभाग के अधिकारी कंपनी संचालकों से आय के स्त्रोत और इतनी बड़ी संख्या में नकदी जमा करने को लेकर पूछताछ कर सकते हैं। इस मामले में ईडी भी शामिल हो चुकी है। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में हुआ खुलासा, आरोपी के मोबाइल से खुला बड़ा राज मां ने गुस्से में मार दिया चांटा तो भड़की 9वीं की छात्रा, उठा लिया ये खौफनाक कदम मुख्यमंत्रियों के नाम के ऐलान में देरी होने पर कांग्रेस ने BJP पर कसा तंज, कहा- '4 दिन बीत चुके है और...'