माघ मास के ठीक मध्य में अमावस्या के दिन होता है विशेष महत्व, कई दोषों का भी होता है निवारण

हिंदू धर्म में माघ माह को अत्यंत सर्वश्रेष्ठ माह माना जाता हैं इसके बारे में ऐसा कहा जाता हैं कि इसी दिन से द्वापर युग का आरंभ हुआ था। वही माघ मास के ठीक मध्य में अमावस्या के दिन का विशेष महत्व होता हैं इसके साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती हैं ऐसा कहा जाता हैं कि इस दिन गंगा का जल अमृत के समान हो जाता हैं

इस ​लिए माघ में स्नान के लिए माघी अमावस्या को खास माना गया हैं। इस दिन व्रती को मौन धारण रहक दिन भर मुनियों सा आचार करना होता हैं इसी कारण से हय अमावस्या मौनी अमावस्या कहलाती हैं। इस साल यह मौनी अमावस्या का व्रत 24 जनवरी को रखा जा सकता है । हिंदू धर्म शास्त्रों में मौनी अमावस्या के दिन को दान पुण्य का दिन माना गया हैं, ऐसी मान्यता हैं कि इस दिन मनु ​ऋषि का जन्म भी हुआ था। जिसके कारण इस दिन को मौनी अमावस्या के रूप में मनाया जाता हैं।माघ मास में पूजन अर्चन व नदी स्नान करने से भगवान श्री विष्णु को प्राप्त किया जा सकता हैं।   इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन नर्मदा, गंगा, सिंधु, कावेरी सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान, दान, जाप, अनुष्ठान करने से कई दोषों का निवारण हो जाता हैं इस दिन ब्रह्मदेव और गायत्री का भी पूजन विशेष फलदायी होता हैं। वही मौनी अमावस्या के दिन 108 बार तुलसी परिक्रमा करनी चाहिए। जिन लोगों का चंद्रमा कमजोर हैं वह गाय को दही और चावल खिलाएं। ऐसे में तो मानसिक शांति प्राप्त होगी। इसके अलावा मंत्र जाप, सिद्धि साधना और दान कर मौन व्रत को धारण करने से भी पुण्य प्राप्ति होती हैं।

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