इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने एक बार फिर कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस देने से इनकार कर दिया है। यह भारत द्वारा काउंसलर एक्सेस के लिए दायर की गई 18वीं अर्जी थी जिसे पाकिस्तान ने ठुकरा दिया। पाकिस्तान ने स्पष्ट कर दिया है कि कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान एक विशेष कैदी के रुप में देखती है न कि जल सीमा में पकड़ाए गए मछुआरों की तरह। कुलभूषण जाधव की तुलना बंदी बनाए गए मछुआरे से करना बिल्कुल गलत है। पाक ने दावा किया कि भारत अपने 'जासूस' कुलभूषण से सूचना हासिल करने के लिए उसे काउंसलर एक्सेस मुहैया करना चाहता है।आईसीजे में बुधवार को उसने दलील दी है कि वियना कन्वेंशन में काउंसलर एक्सेस आम कैदियों को ही मुहैया कराने का प्रॉविजन है, जासूसों के लिए नहीं। गौरतलब है कि कुलभूषण पाकिस्तान की जेल में बंद हैं। जाधव इंडियन नेवी के एक रिटायर्ड अफसर हैं। जाधव को बलूचिस्तान से अरेस्ट किया गया था। पाकिस्तान ने उन पर जासूस होने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान की आर्मी कोर्ट ने अप्रैल 2017 में जाधव को फांसी की सजा सुनाई थी। बाद में इस पर इंटरनेशनल कोर्ट ने रोक लगा दी थी। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत जाधव को एक 'आम कैदी' बताकर सबूतों को दबा रहा है। जापान में 17 साल बाद बुलेट ट्रेन व्यवस्था हुई प्रभावित ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे को मिली हार कटासराज मंदिर के सरोवर को भरने के आदेश