जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होने वाली है। इस साल 14 जुलाई से शुरू होगी। 10 दिन का यह महोत्सव भारत के एक बड़े धार्मिक त्योहारों में से है। उड़ीसा के पुरी में इस महोत्सव के दिन पैर रखने की भी जगह नहीं रहती है। लाखों की संख्या में भक्त इस रथयात्रा का हिस्सा बनने के लिए आते हैं। आज हम आपको जगन्नाथ मंदिर और रथयात्रा की कुछ ऐसी खास बातें बता रहे हैं, जिन्हें आप नहीं जानते होंगे— 1. जगन्नाथ रथयात्रा शुरू होते ही बारिश जरूर होती है। कहा जाता है कि आज तक ऐसा नहीं हुआ कि रथयात्रा शुरू होते ही बारिश न हुई हो। 2. राजा रथ यात्रा के रास्ते को साफ करता है। पुरी के राजा एक सोने से बने कपड़े से रास्ते को साफ करते हैं, फिर भगवान निकलते हैं। 3. जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर स्थित ध्वज को रोज बदला जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर ध्वज रोज नहीं बदला गया, तो मंदिर 18 सालों तक अपने आप बंद हो जाएगा। 4. यहां पर भगवान श्रीकृष्ण, सुभद्रा और बलराम की आधी बनी मूर्तियां विराजमान हैं। इन मूर्तियों के हाथ—पैर नहीं बने हुए हैं। 5. मंदिर का प्रसाद कभी भी कम नहीं पड़ता, चाहे कितनी भी भीड़ आ जाए। कहा जाता है कि जैसे ही मंदिर के पट बंद होते हैं, प्रसाद भी खत्म हो जाता है। 6. यह मंदिर समुद्र के किनारे बना हुआ है, लेकिन अगर आप मंदिर के अंदर हैं, तो समुद्र की लहरों की कोई आवाज आपको नहीं सुनाई देगी, जबकि मंदिर के बाहर कदम रखते ही लहरों की आवाज स्पष्ट सुनी जा सकती है। 7. जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर कोई भी पक्षी नहीं बैठता, यहां तक की इस मंदिर पर से हवाई जहाज भी नहीं गुजरते हैं। 8. जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर जो ध्वज लगा है, वह हमेशा विपरीत दिशा में उड़ता है। कहते हैं कि पुरी में हवा विपरीत दिशा में चलती है। जगन्नाथ रथयात्रा: युगों-युगों से चली आ रही धर्मयात्रा इस वजह से हर साल निकाली जाती है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा एक मात्र ऐसा मंदिर जंहा नही की जाती भगवान की पूजा