इंदौर/ब्यूरो:आदिवासियों के सांस्कृतिक पर्व विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त 2022 के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की माँग की साथ ही इंदौर में कृषि महाविद्यालय की ज़मीन निजी हाथों में सोपने का आदेश निरस्त करने को लेकर भी ज्ञापन दिया। जिसने मध्यप्रदेश देश का सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या बाहुल्य प्रदेश है जिसमें अलग-अलग आदिवासी समुदाय अपनी विशेष संस्कृति, अनूठी परंपराओं एवं रीति-रिवाजों के लिए अपनी एक अलग संवैधानिक पहचान रखते हैं, जिसे संरक्षित करने के लिए संयुक्त राष्ट्रसंघ ने दिसंबर 1994 में प्रतिवर्ष 9 अगस्त को ‘विश्व आदिवासी दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा की है। पिछले कई वर्षों से देश के कई राज्यों में आदिवासी समाज 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रूप में वृहद् स्तर पर हर्ष एवं उल्लास के साथ मनाते आ रहा है। आगामी 9 अगस्त 2022 विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रदेश सरकार सार्वजनिक अवकाश घोषित करती है तो यह प्रदेश के करोड़ों आदिवासियों की जनभावनाओं का सम्मान करने वाले कदम के रूप में देखा जाएगा। जिसने इंदौर प्रशासन ने बाहर गेट पर रोककर अंदर जाने से रोका गया जिस पर युवाओं ने जमकर नारेबाज़ी की ओर धरने पर बैठ गये जयस युवाओं को प्रशासन के दोहरे रवैया की जमकर युवाओं ने विरोध किया तब अंदर जाने दिया फिर ज्ञापन दिया जिसने प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रविराज बघेल के साथ इंदौर जयस ज़िलाध्यक्ष अश्विन सोलंकी ,हितेश तोमर, विनु आवासीय, सतपाल भँवर, मनोज उईके, अनिल अलावा, हितेश कन्नोज, यशवीर, राजेंद्र चौहान, दुष्यंत रावत, शिवराज कन्नोज, छत्तर सिंह मूवेल, प्रदेश मूवेल, मोहन मुझल्दा, शिवराज कन्नोज, संजय सोलंकी, राहुल सिंगारे, प्रेमराज, योगेश बघेल, अक्षय मंडलोई, शिवराज मंडलोई, विकाश सोलंकी, पंकज चौहान, वीकू, राजवीर टेगोर के साथ सेकडो जयस युवा शामिल हुए ज्ञापन का वाचन प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रविराज बघेल ने किया । माँ की हरकतें देख बेटी को हुआ शक, पिता थे अनजान और फिर... Video: पार्थ चटर्जी को महिला ने फेंक कर मारी चप्पल, कहा- ये जनता का पैसा लूट रहे केरल में मिला मंकीपॉक्स का पांचवा मरीज, देशभर में कुल 7 केस