नई दिल्ली. जैन धर्म के राष्ट्र संत तरुण सागर जी महाराज ने शनिवार सुबह 51 की उम्र में अपने प्राण त्याग दीजिये. तरुण सागर को 20 दिन पहले पीलिया हुआ था जिसके बाद उन्हेे दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया था. अपने गुरु पुष्पदंत सागर महाराज की स्वीकृति के बाद तरुण सागर संथारा (खाना-जल न लेना) कर रहे थे. तरुण सागर अपने खानपान को लेकर बहुत संतुलित थे लेकिन फिर भी उन्हें पीलिया कैसे हो गया? ये सवाल सभी के दिमाग़ में चल रहा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें पीलिया होने पर लीवर को सबसे ज्यादा नुक्सान होता है. हम आपको पीलिया बीमारी के होने की वजह और और उससे होने वाले नुक्सान के बारे में बता रहे हैं. क्या होता है पीलिया- पीलिया ऐसी बीमारी होती है जिसमे मरीज की त्वचा और आंख का रंग पीला पड़ने लग जाता है. इस अवस्था में खून में बिलिरुबिन की मात्रा बढ़ने लगती है. ये बीमारी ज्यादातर मसालेदार खानपान या फिर वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है. इसके अलावा पीलिया अल्कोहल के सेवन से या ब्लड में इंफेक्शन के कारण भी हो जाता है. वैसे जरुरी नहीं कि पीलिया होने का कारण सिर्फ दूषित खाना और पानी ही हो इसके अलावा भी पीलिया होने के निम्नलिखित कारण हो सकते है- -जब हेपेटाइटिस बी और सी के वायरस का संक्रमण लिवर को नुक्सान पहुँचता है तो ऐसी स्थिति में पीलिया हो सकता है. -पित्त की नली में गांठ या कैंसर होने से भी पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है. -हैवी मेटल से निर्मित दवाओं को खाने से भी पीलिया हो सकता है. -संक्रमित खून के चढ़ने से भी ऐसा हो सकता है. इस बीमारी से कैसे बचे- अगर बीमारी के शुरुआती दौर में ही इसके लक्षणों को पहचान लिया जाए तो पीलिया से बचा जा सकता है. भूख ना लग्न, बार-बार उल्टी आना, कुछ खाने का मन ना करना, पेट के दायीं ओर दर्द होना, शुरुआती दौर में वायरल फीवर होना... अगर ऐसे लक्षण दिखे तो इन्हे जरा भी नजरअंदाज ना होने दे और तुरंत ही गेस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट से सलाह लें. हमेशा अपने खानपान में सफाई का ध्यान रखे, उबला हुआ पानी पीए, मसालेदार और ऑयली खाना खाने से बचे. खबरें और भी 2 से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों के लिए मुनि श्री तरुण सागर ने कही थी यह कड़वी बात 51 वर्ष की उम्र में जैन मुनि तरुण सागर महाराज का निधन नहीं रहे जैन मुनि तरुण सागर महाराज