चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पनीरसेल्वम ने कहा है कि जल्लीकट्टू के समर्थन में मरीना बीच पर एक सप्ताह तक चले प्रदर्शन में बड़ी संख्या में असामाजिक तत्व घुस आए थे जिनका मकसद प्रदर्शन को मूल उद्देश्य से भटकाना था. दो दिन के अवकाश के बाद आज जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तब विधानसभा में विपक्ष के नेता एम के स्टालिन ने जल्लीकट्टू प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई सवाल उठाए और इन मुद्दे पर मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण की मांग की. इसके जवाब में सीएम पनीरसेल्वम ने कहा कि विभिन्न संगठन और असामाजिक तत्व जल्लीकट्टू प्रदर्शन में घुस आए थे और इनका मकसद प्रदर्शन को मूल उद्देश्य से भटकाना था. वह नहीं चाहते थे कि यह प्रदर्शन समाप्त हो. सीएम ने अपने बयान में कहा कि प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग ओसामा बिन लादेन के पोस्टर दिखा रहे थे और राज्य सरकार के खिलाफ भी नारेबाजी की थी. इसमें कुछ प्रदर्शनकारी अलग तमिलनाडु की मांग को लेकर भी नारेबाजी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हिंसा के दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया. इससे भड़के प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया. प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए की गई कार्रवाई के बाद भड़की हिंसा में 60 पुलिसकर्मी घायल हो गए. उन्होंने कहा कि इस हिंसा के पीछे के सभी उपद्रवियों की पहचान की जाएगी और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि ये उपद्रवी इस प्रदर्शन को कावेरी और मुल्लापेरियार मुद्दों की ओर मोड़ना चाह रहे थे. सुप्रीम कोर्ट जल्लीकट्टू से संबंधित सभी याचिकाओं पर 31 जनवरी को एक साथ सुनवाई करेगा. और पढ़े- जल्लीकट्टू पर अब सुनवाई 31 जनवरी को जल्लीकट्टू के बाद अब कंबाला को बचाने का हो रहा प्रयास जल्लीकट्टू के प्रदर्शन में घुस आए थे कुछ असामाजिक तत्व ओवैसी ने कहा सम्मान बचाने के लिए मुस्लिम करें शक्ति प्रदर्शन