जम्मू: कुछ दिनों से देश में सियासी हलचल काफी बढ़ गई है. वही इस बीच सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद और प्रदेशाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. उनके स्थान पर अब गोविंद सिंह डोटसरा को नया प्रदेशाध्यक्ष घोषित किया गया है. इसके साथ-साथ पायलट समर्थक मंत्रियों को भी हटाया गया है. जिनमें विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा भी शामिल हैं. इससे पूर्व बीते कई दिनों से कांग्रेस पार्टी सचिन पायलट को मनाने का प्रयास कर रही थी. बता दे, की आज हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 102 विधायक शामिल हुए. बैठक में सर्वसम्मति से सचिन पायलट को पार्टी से निकालने पर अपनी सहमति जताई. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने बयान में कहा, कि भाजपा ने एक साजिश के तहत राजस्थान की आठ करोड़ जनता के सम्मान को चुनौती दी है. भाजपा ने कांग्रेस सरकार को अस्थिर कर गिराने का षड्यंत्र किया है. भाजपा धनबल और सत्ताबल से कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को खरीदने के प्रयास में लगी हुई है. उन्होंने आगे बताते हुए कहा, कि सचिन पायलट भ्रमित होकर भाजपा के जाल में फंस गए और कांग्रेस सरकार को गिराने में लग गए. बीते 72 घंटे से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अन्य कई नेताओं से संपर्क करने का प्रयास किया. कांग्रेस की ओर से निरंतर पायलट को मनाने के प्रयास किये गए लेकिन उन्होंने हर बात को नकार दिया. बता दें, कि राजस्थान सरकार पर चल रही सियासी विपत्ति को जम्मू-कश्मीर के लोगो में भी खास दिलचस्पी देखने को मिली. वही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ सियासी तनातनी में फंसे सचिन पायलट जम्मू-कश्मीर के दिग्गज राजनीतिक परिवार के दामाद हैं. सचिन की पत्नी सारा पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बेटी और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की बहन हैं. इसलिए जम्मू कश्मीर में भी इस सियासी हलचल के प्रति दिलचस्पी देखी गई. क्या यूरोपीय संघ का भारत को मिलेगा समर्थन ? सचिन पायलट के पैतृक गांव में फूटा लोगों का गुस्सा, कांग्रेस को हो सकता है बड़ा नुकसान राजस्थान : भाजपा को लगा तगड़ा झटका, सचिन पायलट ने किया ना उम्मीद