श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में सुरक्षा कारणों के मद्देनज़र विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ नहीं कराए जा रहे हैं। निर्वाचन आयोग और प्रदेश के अधिकारियों के मध्य हुई बैठक के बाद ये खबर मिली है कि रमजान के बाद और अमरनाथ यात्रा से पूर्व विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जा सकता है। खबर के अनुसार, जम्मू कश्मीर में 5 से 30 जून के मध्य विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। प्रदेश प्रशासन और गृह मंत्रालय ने निर्वाचन आयोग को राज्य में रमजान के बाद और अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पूर्व विधानसभा चुनाव संपन्न करवाने की सिफारिश की है। सपा-बसपा गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे संजय दत्त! उल्लेखनीय है कि 5 मई से 4 जून तक रमजान का महीना है और 1 जुलाई से अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ होगा। 26 फरवरी को गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को खत लिख कर ये सुझाव दिया था कि प्रदेश में दोनों चुनाव एक साथ करवाने के लिए भारी मात्रा में सुरक्षा बलों की आवश्यकता होगी। घाटी की स्थिति को देखते हुए ये मुमकिन नहीं है। इसके मद्देनज़र लोकसभा चुनावों को अपने निर्धारित समय पर संपन्न करने के तुरंत बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। मिशन लोकसभा: क्या भाजपा के पास प. बंगाल में नहीं है योग्य उम्मीदवार ? आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में 6 माह का राज्यपाल शासन पूरा होने के बाद दिसंबर में उसे एक बार फिर लगा दिया गया है। नियमों के मुताबिक, राज्यपाल शासन लगने के 6 माह के भीतर विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए। 3 जुलाई को घाटी में राज्यपाल शासन समाप्त हो रहा है। खबरें और भी:- अपनी नाकामियों को बचाने के लिए जनता का ध्यान भटका रही भाजपा- मायावती अनिल अम्बानी पर मंडराया जेल जाने का खतरा, ये है उसकी वजह लोकसभा चुनाव: कांग्रेस का हाथ थाम सकती हैं आप की नाराज़ विधायक अलका लांबा