जम्मू कश्मीर में चुनाव के बहिष्कार का कारण 35 (ए) या हार का डर

श्रीनगर: जम्मू कश्मीर की दो बड़ी राजनितिक पार्टियों ने केंद्र सरकार को राज्य में पंचायत व् निकाय चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी दी है. घाटी की राजनितिक पार्टियों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार धारा 370 और अनुच्छेद 35 A पर अपनी राय स्पष्ट नहीं करती है तो जम्मू कश्मीर में पंचायत व् निकाय चुनावों के साथ-साथ लोक सभा चुनाव का भी बहिष्कार किया जाएगा. लेकिन अगर जानकारों की माने तो चुनाव का बहिस्कार करने के पीछे कारण  धारा 370 और अनुच्छेद 35 A नहीं बल्कि कुछ और है. चुनावी विशेषज्ञों का कहना है कि हारने के डर से राजनितिक पार्टियां चुनाव से दुरी बना रही हैं और बहिष्कार की धमकी दे रही हैं.

युवाओं के पास 30000 कमाने का शानदार अवसर, NIT में वैकेंसी

जानकारों का कहना है कि जम्मू कश्मीर की जनता ही घाटी के हालातों से परेशान होकर रजनीतिक पार्टियों के खिलाफ हो गई है, क्योंकि मुख्यधारा की राजनीति करने वाले नेताओं में से किसी ने भी दक्षिण कश्मीर का कोई दौरा नहीं किया. कई नेता तो दक्षिण कश्मीर के इलाके में अपने घर तक भी नहीं गए. बीजेपी-पीडीपी राज में 300 नागरिक और 450 आतंकी मारे गए. भी दक्षिण कश्मीर को अपना किला मानने वाली पीडीपी के लिए ये उदाहरण कलंक की तरह है.  

जम्मू कश्मीर: मुख्य सचिव ने की घोषणा, निर्धारित समय पर होंगे चुनाव

वहीं घाटी का दूसरा राजनितिक दल नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी भी अनुच्छेद 35 (ए) को चुनावी बहिष्कार का कारण बता रही है, लेकिन सच्चाई कुछ और है. नेशनल कॉन्फ्रेंस का गढ़ माने जाने वाले श्रीनगर में जनता उनके खिलाफ सड़कों पर उतर आई है और प्रदर्शन कर रही है, सभी दल समझ चुके हैं कि जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानने वाली विचारधारा की अब कोई जगह नहीं है. इसलिए वे चुनाव के बहिष्कार का बहाना बनाकर हार से बचना चाहते हैं.

खबरें और भी:-​

स्कूल के बच्चों के साथ वाराणसी में जन्मदिन मनाएंगे पीएम मोदी

बच्चे मोदी जैसे अनपढ़-गंवार के बारे में जानकर क्या करेंगे ? - कांग्रेस नेता संजय निरुपम

प्रधानमंत्री पर आतंकी हमले का खतरा...

Related News