श्रीनगरः केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने के फैसले का राहुल गांधी शुरू से ही आलोचना करते आए है। राहुल ने कहा था कि धारा हटने के बाद वहां हिंसा की कई घटनाएं हुई है। सरकार वहां के लोगों का दमन कर रही है। उनके इस बयान पर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सतपाल मलिक ने कहा कि उनको अपने एक नेता के व्यवहार के बारे में शर्मिंदा होना चाहिए जो संसद में मूर्खों का तरह बात कर रहे थे। मैंने राहुल गांधी को यहां आने के लिए आमंत्रित किया है। मैं उन्हें एक विमान भेजूंगा, जिससे वह स्थिति का जायजा लें सकें और फिर बोलें। राज्यपाल मलिक ने राहुल के सारे आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में धारा 370 के प्रावधानों को समाप्त करने में कोई सांप्रदायिक साच नहीं था। बल्कि 370 व 35ए का खात्मा सभी के लिए था। राज्यपाल ने विदेशी मीडिया को भी चेतावनी जारी करते हुए उन्हें सही से रिपोर्टिंग करने के लिए कहा। दरअसल कई विदेशी मीडिया समूहों ने कश्मीर में हिंसी की खबरें दिखाई थीं जिसे स्थानीय प्रशासन बिल्कुल गलत बताया। कश्मीर को एक कंसन्ट्रेशन कैंप में बदल देने के आरोप का उत्तर देते हुए राज्यपाल ने बताया कि पढ़े लिखे होने के बावजूद लोग इन कंसन्ट्रेशन के बारे में नहीं जानते हैं। मुझे पता है ये क्या है? मैं 30 बार जेल जा चुका हूं। इसके बावजूद मैं घाटी की कार्रवाई को कंसन्ट्रेशन कैंप नहीं कहूंगा। कांग्रेस ने आपातकाल के दौरान डेढ़ साल तक लोगों को कैद रखा, मगर किसी ने उसे कंसन्ट्रेशन नहीं बताया। गौरतलब है कि धारा हटने के बाद जम्मू और लद्दाख में स्थिति सामान्य है जबकि कश्मीर में स्थिति को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह राज्यसभा के लिए आज भरेंगे नामांकन कर्नाटक में बाढ़ की विनाश लीला जारी, सीएम येदियुरप्पा ने किया मुआवज़े का ऐलान धारा 370 पर मणिशंकर अय्यर के विवादित बोल, कहा- मोदी शाह ने घाटी को बना दिया फिलस्तीन