नई दिल्ली। भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज़ भले ही अब इस दुनिया में नहीं हैं। जम्मू कश्मीर में कुछ हथियारबंद नकाबपोश उन्हें पकड़कर ले गए थे और इसके बाद उनकी पार्थिव देह हरमन चैक क्षेत्र में मिली थी। शरीर पर गोलियों के निशान थे। जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि फयाज के कुछ जानने वालों ने ही आतंकियों को उनकी जानकारी दी थी। राजपुताना राइफल्स में 10 दिसंबर को इस बहादुर कश्मीरी नौजवान की कमीशनिंग हुई थी इसके घर में इसकी ममेरी बहन की शादी का जश्न मनाया जा रहा था लेकिन इसी बीच भारत का यह जवान नफरत की भेंट चढ़ गया। इसकी शहादत की शमा कश्मीर ही नहीं सारे हिंदुस्तान में जलने लगी। पत्थरबाजी और हिंसा करने वाले कथित कश्मीरियों से अलग इस नौजवान ने भारत को कश्मीर के नौजवानों का परिचय दिया था। अब इसके युवा साथी दिल्ली के इंडिया गेट क्षेत्र में मोमबत्ती जुलूस निकालेंगे। इस जुलूस को लेकर लेफ्टिनेंट फयाज़ के दोस्तों ने वीडियो तैयार किया है। दरअसल इस वीडियो में फयाज़ को लोगों को संबोधित करते हुए दर्शाया जाएगा। वीडियो देखने वालों को प्रतीत होगा जैसे फयाज़ अपनी आवाज़ में कुछ कह रहा है। फयाज़ के संबोधन से बताया जाएगा कि आखिर कश्मीरियत और कश्मीरी के मायने क्या हैं। वीडियो में बताया गया है कि वह 8 जून को 23 वर्ष का होने वाला था। मगर अब वह घर कभी नहीं जा सकता। यह जानकर उसकी मां जमीला का बुरा हाल है। उसकी ममेरी बहन की शादी थी और शादी को लेकर परिवार में बड़ा उत्साह था। कश्मीरियों को फयाज के संबोधन के माध्यम से कुछ बताया गया है। बताया गया है कि घाटी में कई फैयाजों की टोली है। वीडियो में अंत में आतंकी बुरहान वानी को शहीद बताकर भारत के खिलाफ लड़ने वालों से कहा गया है कि यह तय करना होगा कि यहां पर कायर रहेंगे या दिलेर। यह तय करना होगा कि यहां बुरहान वानी रहेगा या उमर फयाज हिंदुस्तानी। गौरतलब है कि फयाज को सेना में ज्वाॅइनिंग मिलने के बाद पहली छुट्टी दी गई थी। जब वे अपनी बहन की शादी से लौट रहे थे उसी समय आतंकियों ने उन्हें अपहृत कर लिया। इसके बाद उनका शव गोलियों से छलनी मिला। भारत-PAK संबंधों के लिए पाकिस्तान दोषी : अमेरिका आजम खान ने यूनिवर्सिटी विवाद मामले में योगी आदित्यनाथ को भेजा खून से लिखा लेटर आतंकी संगठन बोको हराम ने 82 नाइजीरियाई छात्राओं को छोड़ा