कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे अहम सफाई को माना जा रहा है. यह सफाई जिस तरल के बूते संभव हो रही है, वह पानी है. पानी है तो पर्यावरण है, पर्यावरण है शुद्ध जलवायु है. शुद्ध जलवायु है तो इंसान का तन-मन स्वस्थ है. इंसान स्वस्थ है तो उसकी प्रतिरक्षा मजबूत है. शरीर का ये तंत्र मजबूत है तो कोरोना कमजोर रहेगा. पानी की महिमा अपार है. यह हमारा साझा संसाधन है. अमीर-गरीब, जाति, धर्म, नस्ल से परे जब हलक सूखता है तो सबको एक सी और एक ही तलब लगती है. वह है पानी. कल्पना कीजिए, अगर जरूरत पड़ने पर ये तरल आपको न नसीब हो. अब भगोड़ो की खैर नही, इस महत्वपूर्ण संधि पर कैबिनेट बैठक में लगी मुहर आपकी जानकारी के लिए बता दे कि दुनिया के उन एक तिहाई लोगों की, जिन्हें शुद्ध पेयजल नसीब नहीं होता है. आज भी दुनिया भर में 2.2 अरब लोग ऐसे हैं जिनको शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं है. आज विश्व जल दिवस है. पानी की एक-एक बूंद बचाने और इस अनमोल संसाधन के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर 1993 से दुनिया में यह दिवस मनाया जा रहा है. इस बार की थीम है: जल और जलवायु परिवर्तन. ये दोनों मसले एक दूसरे से जटिलता के साथ गुंथे हुए हैं. जल बचाओगे तो जलवायु परिवर्तन पर रोक लगेगी और जलवायु परिवर्तन रुकेगी तो पानी संरक्षित रहेगा. हमारा पानी का इस्तेमाल ही बाढ़, सूखा, कमी और प्रदूषण की विभीषिका को तय करता है. कोरोना वायरस : जनता कर्फ्यू पर अमित शाह ने बोली चौंकाने वाली बात हम स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं. अगर हम जलवायु परिवर्तन पर पानी के असर को संतुलित कर ले. तभी हम इंसानों के अनमोल जीवन को बचा सकते हैं. पानी के कुशल इस्तेमाल से हम ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन भी कम कर सकते हैं जो अंतत: जलवायु परिवर्तन की प्रमुख वजह है. ऐसे में विश्व जल दिवस (22 मार्च) के मौके पर आइए, हम सब संकल्पित हों कि पानी के कुशल इस्तेमाल से दुनिया की सबसे बड़ी समस्या जलवायु परिवर्तन को थामने के वाहक बनेंगे. क्या जनता कर्फ्यू के दिन कम होगा संक्रमण? देश में कोरोना के कुल मामले हुए 327 सीएम उम्मीदवारी : शिवराज सिंह यानि 'मामा' भाजपा में सब पर पड़ रहे भारी कोरोना के खिलाफ जंग में आज का दिन अहम, वायरस पर पाया जा सकता है काबू