भगवान कृष्ण का जन्मदिन जन्माष्टमी के रूप में पुरे भारत में मनाया जाता है. इस दिन सभी जगहों पर भगवान कृष्ण की पूजा होती है. जन्माष्टमी पुरे भारत में बहुत ही धूम-धाम से मनाई जाती है. जन्माष्टमी का पर्व इस बार 3 सितंबर को मनाया जाने वाला है और इस त्यौहार को फिर से बहुत ही धूम-धाम से मनाने की तैयारी अभी से होने लगी है. जन्माष्टमी के दिन बहुत से लोग राखी भी मनाएंगे. जी हाँ, ऐसे कई लोग होते हैं जो राखी के दिन राखी का त्यौहार ना मनाकर उसे जन्माष्टमी पर मनाते हैं. जन्माष्टमी को भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं. जन्माष्टमी सॉन्ग : भगवान कृष्ण की भक्ति में डुबो देगा ये हिट राजस्थानी भजन अनोखा मंदिर : अब ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ पर भगवान कृष्ण अपनी पत्नी रुक्मणि के साथ कमर पर हाथ रखकर खड़े हैं. जी हाँ, एक ऐसा मंदिर जहाँ भगवान अपनी कमर पर हाथ रखकर खड़े हुए हैं. यह मंदिर महाराष्ट्र में है. इस मंदिर में कान्हा अपनी पत्नी के साथ कमर पर हाथ रखकर बहुत ही मंद मुस्कान के साथ खड़े हैं. इसके पीछे की कहानी कुछ ऐसी है कि भगवान मंदिर में ऐसे अपने भक्त के कहने पर खड़े हुए थे. भगवान कृष्ण के एक भक्त थे पुण्डरीक. वह जिस तरह भगवान कृष्ण की भक्ति करते थे वैसे ही अपने माता-पिता कि सेवा भी करते थे. KRISHNA JANMASTHAMI 2018 : 'कान्हा' जैसा वर पाने के लिए जन्माष्टमी पर करें इस मंत्र का जाप भगवान हुए खुश : इस बात से खुश होकर एक बार भगवान कृष्ण उन्हें अपनी पत्नी के साथ दर्शन देने के लिए गए थे. उस समय पुण्डरीक अपने पिता के पैर दबा रहे थे. उस दौरान अपने पिता की नींद को खराब ना करने के बारे में सोचकर पुण्डरीक ने कान्हा की दी आवाज को सुना और कोई जवाब ना देते हुए अपने पास राखी ईंट उनकी तरफ खिसकाते हुए कहा कि 'आप थोड़ी देर खड़े रहे मेरे पिता सो जाएंगे तो मैं आपसे बात करूँगा'. उसके बाद कान्हा वहीं खड़े हो गए और पुण्डरीक अपने पिता के पैर दबाने में लीन रहे. काफी समय बाद पुण्डरीक को ध्यान आया कि कोई उनसे मिलने आया है और जब उन्होंने देखा तो वह भगवान कान्हा थे जिन्हे देखकर वह ख़ुशी से फुले नहीं समाए. वहीं रह गए भगवान : उन्होंने भगवान से कहा कि वह हमेशा के लिए वहीं विराजमान हो जाए और इस बात को भगवान ने मान लिया और वह वहीं विराजमान हो गए. भगवान का वह मंदिर महाराष्ट्र के शोलापुर जिले में स्थित है यहां कान्हा की पूजा भगवान विट्ठल के रूप में की जाती है. खबरें और भी ऐसे SMS भेजकर आप कर सकते हैं अपने ख़ास को जन्माष्टमी विश 2 या 3 सितम्बर, जानिए आखिर कब मनाई जाएगी जन्माष्टमी जन्माष्टमी 2018 : होली का यह भजन जन्माष्टमी में भी भर देगा रंग