नई दिल्ली : जापान सरकार ने भारत के पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विभिन्‍न राज्‍यों में वर्तमान में चल रही तथा कुछ नई परियोजनाओं में 205.784 अरब येन की धनराशि निवेश करने का फैसला किया है, जो लगभग 13,000 करोड़ रुपये के बराबर है. पूर्वोत्‍तर राज्‍य मंत्री डॉ जितेन्‍द्र सिंह के साथ जापान के राजदूत केन्‍जी हीरामात्‍सू के नेतृत्‍व में एक जापानी प्रतिनिधिमंडल की बुधवार को नई दिल्‍ली में हुई बैठक के बाद ये जानकारी दी गई. दालों के स्टॉक से 2 लाख टन अरहर की दाल ओपन मार्केट में बेचेगी सरकार इस तरह जापान करेगा मदद जानकारी के मुताबिक जिन महत्‍वपूर्ण परियोजनाओं में जापान सहयोग करेगा, उनमें असम में गुवाहाटी जलापूर्ति परियोजना और गुवाहाटी सीवेज़ परियोजना, असम और मेघालय में फैली पूर्वोत्‍तर सड़क नेटवर्क संपर्क सुधार परियोजना, मेघालय में पूर्वोत्‍तर नेटवर्क संपर्क सुधार परियोजना, सिक्किम में जैव-विविधता संरक्षण और वन-प्रबंधन परियोजना, त्रिपुरा में सतत वन प्रबंधन परियोजना, मिजोरम में निरंतर कृषि और सिंचाई के लिए तकनीकी सहयोग परियोजना, नगालैंड में वन प्रबंधन परियोजना आदि शामिल है. PNB के मैनेजमेंट ने किया स्वीकार, डिफॉल्टर्स ने बैंक को लगाई 25000 करोड़ की चपत नए क्षेत्रों में करेंगे निवेश इसी के साथ डॉ जितेन्‍द्र सिंह ने पिछले तीन से चार वर्ष में पूर्वोत्‍तर क्षेत्र के विकास और बदलाव में जापान के योगदान की सराहना की. उन्‍होंने कहा कि आने वाले समय में सहयोग के कुछ नये क्षेत्रों का पता लगाया जाएगा, जिनमें बेंत से जुड़े क्षेत्र में सहयोग हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार ने ब्रिटिश सरकार के 1919 के भारतीय वन कानून में संशोधन किया ताकि देश में उगाये गये बेंत को इसके दायरे से बाहर लाया जा सके. आज डॉलर के मुकाबले 6 पैसे की मजबूती के साथ खुला रुपया बाजारों में आज भी शुरुआत के साथ नजर आई गिरावट आरबीआई ने किया जीरो बैलेंस बैंक अकाउंट्स से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव