जल्द ही जापान खुद करेगा अपने जहाजों की निगरानी, अमेरिका के टॉस्क में नहीं होगा शामिल

वाशिंगटन: कुछ समय पहले ही अमेरिका से अलग हटकर जापान ने अब मिडिल ईस्ट में अपने जहाजों की रक्षा करने के लिए एक युद्धक पोत और निगरानी पोत भेजने की योजना बनाई है, जापान इस मिशन में 206 नौसेनिकों की भी तैनाती करेगा. यह तैनाती जनवरी 2020 के आखिर में शुरू होने की संभावना है. अमेरिका ने 6 देशों के साथ मिलकर होरमुज जलडमरूमध्य में एक टास्क फोर्स बनाई है. जंहा जापान इस टास्क फोर्स में शामिल नहीं हुआ, अब जापान ने अपनी नौसेना मिडिल ईस्ट में भेजने की योजना बनाई है, वो इसी पर काम कर रहा है. जापान इस टास्क फोर्स में शामिल नहीं हुआ था. ईरान ने अमेरिका के इस कदम की आलोचना की थी. जहाजों की रक्षा करने के लिए युद्धक और निगरानी पोत जापान सरकार की कैबिनेट ने एक आदेश जारी कर कहा कि जापान मध्य पूर्व के इलाके में अपने जहाजों की रक्षा करने के लिए एक युद्धक पोत और निगरानी पोत भेजेगा.

सूत्रों से मिली जानकरी के अनुसार इस बात का पता चला है कि ईरान की जलसीमा के पास ओमान की खाड़ी और अरब सागर में जापानी जहाजों की रक्षा करने और जानकारी जुटाने के लिए एक हेलीकॉप्टर युक्त युद्धक पोत और दो पी-3सी हवाई जहाज इस इलाके में तैनात किए जाएंगे. जापान इस मिशन में 206 नौसेनिकों की तैनाती करेगा. मध्य पूर्व से आता है तेल आयात का 90 फीसदी हिस्सा जापान के तेल आयात का 90 प्रतिशत हिस्सा मध्य पूर्व से आता है. ईरान और अमेरिका के बीच चल रहे तनाव में दो तेल टैंकरों पर इस इलाके में हमले हुए थे, इनमें से एक जापानी तेल टेंकर कोकुका भी था.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका ने इन हमलों का आरोप ईरान पर लगाया था. ईरान ने एक ब्रिटिश तेल टैंकर को भी बंधक बना लिया था. कुछ दिन हिरासत में रखने के बाद इस तेल टैंकर को छोड़ दिया गया था. इस घटना से ईरान और ब्रिटेन के बीच तनाव बढ़ गया. जापानी सरकार ने कहा है कि अगर वहां कोई आपात स्थिति पैदा होती है तो रक्षा मंत्रालय की तरफ से बल प्रयोग करने के आदेश दिए जा सकते हैं.

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