कर्नाटक में ईसा मसीह का स्टैच्यू गिराए जाने के बाद लोगों में काफी आक्रोश है और इस बारे में गीतकार जावेद अख्तर ने अपनी राय व्यक्त की जा रही है. इसके अलावा जावेद अख्तर ने ट्विटर पर लिखा- हालांकि मैं एक नास्तिक हूं परन्तु फिर भी बेंगलुरू में कर्नाटक सरकार के आदेश पर पुलिस द्वारा क्रेन से ईसा मसीह का स्टैच्यू गिराए जाने के बाद एक भारतीय होने के नाते मेरा सिर शर्म से झुक गया है. इसके साथ ही जावेद अख्तर ने लिखा- भारत में पहला चर्च आगरा में अकबर के राज में उनकी ही अनुमति और आशीर्वादों के साथ बना था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस घटना के बाद ईसाई समुदाय के लोगों में आक्रोश है. इसके साथ ही बेंगलुरू के प्रधान पादरी जेए कंठराज ने कहा कि स्टैच्यू उसी जमीन पर था जो कर्नाटक सरकार ने ईसाइयों के अंतिम संस्कार के लिए दी थी. इसके साथ ही इसी जमीन पर ये स्टैच्यू पर था.कंठराज ने बताया, "तकरीबन 15 दिन पहले तहसीलदार ने सभी समुदायों को बुलाया था और कहा कि धर्मांतरण की शिकायतें आ रही हैं. लोगों ने कहा कि ऐसी तो कोई बात नहीं है और इस तरह के धर्मांतरण नहीं हो रहे हैं. परन्तु दो दिन पहले तहसीलदार पुलिस के साथ जेसीबी लेकर आ गये और बिना किसी लिखित या मौखिक नोटिस के उन्होंने स्टैच्यू को गिरा दिया.'' वहीं बता दें कि जावेद अख्तर तकरीबन हर चर्चित और देश से तमाम बड़े मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त करते रहते हैं. बीते दिनों वह तापसी पन्नू की फिल्म थप्पड़ पर दिए गए अपने बयान को लेकर चर्चा में रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि आज मैंने मौजूदा दौर की सबसे संवेदनशील और सामाजिक प्रासंगिक फिल्मों में से एक थप्पड़ देखी. वहीं ये काफी अच्छी तरीके से फिल्माई जाने वाली फिल्म है. इसके अलावा फिल्म के लेखक, निर्देशक क्रू और कलाकारों को भारतीय सिनेमा की ये मील का पत्थर साबित होने वाली फिल्म बनाने के लिए मेरी बधाइयां. साजिद नाडियाडवाला और टाइगर श्रॉफ की मैगजीन शूट से आउट हुई तस्वीरें नवाज ने अपने भाई के साथ काम करने से क्यों किया मना, जानें Box Office: 'थप्पड़' की रफ़्तार पड़ी धीमी, 8 दिनों में कमाए महज इतने करोड़