जेएनयू छात्रों के बोझ को संस्थान ने किया कम, रहना हुआ पहले के मुकाबले इतना सस्ता

छात्रवास की फीस बढ़ोतरी में संस्थान के छात्रों को बढ़ी राहत मिली है. छात्रों के बीच फीस को लेकर काफी समय से नाराजी थी. लेकिन अब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने छात्रों को   राहत का तोहफा दिया है. जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार द्वारा गुरुवार को जारी बयान में कहा कि छात्रों को अब सेवा व उपयोगिता शुल्क नहीं देना होगा. यह शुल्क विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की तरफ से दिया जाएगा. जेएनयू के छात्रावास की बढ़ाई गई फीस के ही खिलाफ नवंबर 2019 से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं.

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अपने बयान में प्रमोद कुमार ने कहा कि शीतकालीन सेमेस्टर 2020 में छात्रों को सेवा व उपयोगिता शुल्क नहीं देना होगा. उपयोगिता शुल्क में बिजली व पानी बिल शामिल होते हैं. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ 10 व 11 दिसंबर 2019 को हुई बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. अगले आदेश तक सेवा व उपयोगिता शुल्क को यूजीसी देगा.

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इसके अलावा रजिस्ट्रार प्रो. प्रमोद कुमार ने बताया कि जेएनयू की रविवार को हुई हिंंसा के मामले में पांच सदस्यों की जांच समिति का गठन कर दिया गया है. इसमें प्रो. सुशांत मिश्र को अध्यक्ष बनाया गया है. समिति में प्रो. मजहर आसिफ, प्रो. सुधीर प्रताप सिंह, प्रो. संतोष शुक्ला और डॉ. भास्वती दास को शामिल किया गया है.जेएनयू के दक्षिणी गेट की तरफ जाने वाला बाबा गंगनाथ मार्ग बृहस्पतिवार को लगातार चौथे दिन बंद रहा. इस दौरान यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ा.

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