बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री और राज्यसभा सांसद जया बच्चन आज अपना 71वां जन्मदिन मना रही हैं. जीवन के इतने साल उन्होने बहुत ही अच्छे से निकाले हैं और अपने रिश्तों को अच्छे से निभाया भी है. बता दें, जया का जन्म 9 अप्रैल को 1948 को हुआ था. एक अभिनेत्री के रूप में जया ने बॉलीवुड में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने ऐसी कई फिल्में दी हैं जिनसे आज भी उन्हें याद रखा जाता है. इतना ही नहीं उन्‍होंने राजनीति में भी अपनी एक पहचान बनायी. यानि उन्होंने घर-परिवार, बॉलीवुड और राजनैतिक जिम्मेदारियां बखूबी निभाई हैं. जया की लाइफ में भी काफी उतार चढ़ाव आये. रेखा नाम के तूफान ने इन्‍हें कुछ पलों के लिये झकझोर कर दिया था अमिताभ और रेखा के रिश्‍ते की खबरे मीडिया में भी आ गयी थी, लेकिन जया ने उस पल बड़ी गंभीरता से अपने इस रिश्‍ते को संभाला. आज उनके इस खास दिन पर जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें. अब बताते हैं बॉलीवुड के शहंशाह और उनकी लवस्टोरी के बारे में. अभिनेत्री जया और अमिताभ बच्‍चन और अमिताभ बच्‍चन की मुलाकात फिल्‍म 'गुड्डी' के सेट पर हुई थी. यहीं से उनकी बातचीत शुरू हो गयी थी और बात शादी तक आ गई. अमिताभ ने कुछ हिचकिचाहट के साथ खुद जया के पिता पत्रकार तरुण कुमार भादुड़ी से फोन पर सारी बात बतायी. जिकसके बाद वो जाया से मिलने आये और शादी के लिए मान गए. जया के पिता अमिताभ से काफी इंप्रेस हुए थे. इनकी शादी की एक और खास बात है. महज 5 लोग ही बारात आये दरअसल, दोनों परिवारों के बीच शादी की बात पक्‍की हो गयी. इसी बीच अमिताभ बच्‍चन की फिल्‍म जंजीर जबर्दस्‍त हिट हुयी. इसके बाद ही अमिताभ जया को लेकर लंदन घुमाने का प्‍लान कर बैठे. ऐसे में जब लंदन के टिकट बुक कराने के बाद अमिताभ ने पिता हरिवंश राय बच्‍चन से बात की तो उन्‍होंने साफ मना कर दिया. उन्‍होंने कहा कि पहले जया से शादी करें उसके बाद लंदन लेकर जायें. ऐसे में यात्रा को देखते हुये शादी की तैयारियां की गयीं. इसके बाद 3 जून 1973 को शादी काफी सादगी से हुयी. शादी में गुलजार समेत महज 5 लोग ही बाराती आये थे. वहीं जया की ओर से जया के परिजन और अभिनेता असरानी और फरीदा जलाल थीं. यानि दोनों की शादी में कुछ खास मेहमान नहीं थे. एक अलग पहचान बनायी जया बचपन से ही काफी तेज और नखरीले स्‍वभाव की थी. इसके साथ ही वह जो ठान लेती थी उसे पूरा जरूर करती थी. जया खेलकूद में भी काफी बढ़चढ़कर हिस्‍सा लेती थी. जिससे 1966 में उन्हें प्रधानमंत्री के हाथों एन.सी.सी. की बेस्ट कैडेट होने का खिताब मिला. इसी हौसले के साथ ही जया ने अभिनय की दुनिया में अपना परिचय दिया. जया ने उस समय पर्दे की दुनिया में एक सीधी साधी लड़की के रूप में कदम रखा, जिस दौर में यहां प्रतिस्‍पर्धा चरम पर थी. मुमताज और हेमामालिनी जैसी अभिनेत्रियां यहां पर छायी थीं. उनके बीच जाया ने अपनी अलग पहचान बनाई. दिग्गज अभिनेता जीतेन्द्र के घर लगा सितारों का मेला, ख़ास अंदाज में मना जन्मदिन का जश्न B'Day : इन तीन खूबसूरत अभिनेत्रियों से जुड़ चुका है जीतेन्द्र का नाम बचपन से ही इस चीज की दीवानी थीं जसलीन, अनूप जलोटा से जुड़ चुका है नाम