हर साल आने वाला जया पार्वती व्रत इस बार 3 जुलाई को मनाया जाने वाला है। यह व्रत देवी जया को समर्पित माना जाता है। आप सभी को बता दें देवी जया देवी पार्वती का ही एक रूप मानी जाती है और उनसे जुड़ा यह मुख्य रूप विशेषकर गुजरात में मनाते हैं। यह सभी प्रकार की महिलाएं रख सकती है। इस व्रत को अविवाहित लड़कियां अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रख सकती है। आपको बता दें यह व्रत पांच दिनों तक मनाया जाता है और इसकी शुरुआत इस साल 3 जुलाई से हो रही है। जया पार्वती व्रत का महत्व: कहते हैं यह व्रत करने से स्त्रियों को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान मिल जाता है। इसके साथ ही मान्यताओं के अनुसार इस व्रत का रहस्य भगवान विष्णु ने मां लक्ष्मी को बताया था। जी हाँ, केवल इतना ही नहीं बल्कि कहीं इसे सिर्फ एक दिन तो कहीं इसे 5 दिन तक मनाया जाता है। जी हाँ और इस इस व्रत में बालू रेत का हाथी बना कर उन पर 5 प्रकार के फल, फूल और प्रसाद चढ़ाते हैं। जया पार्वती व्रत की पूजा की विधि: जया पार्वती व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठ जाएं और सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। अब व्रत का संकल्प लें और माता पार्वती का स्मरण करें। इसके बाद घर के मंदिर में या किसी भी साफ स्थान पर शिव-पार्वती की मूर्ति स्थापित करें। अब उन्हें कुमकुम, शतपत्र, कस्तूरी, अष्टगंध और फूल अर्पित करें। अब इसके बाद ऋतु फल, नारियल, अनार व अन्य सामग्री अर्पित करें। इसके बाद विधि विधान षोडशोपचार पूज करें। अब माता पार्वती की स्तुति करें और फिर मां पार्वती का ध्यान करते हुए उनसे सुख सौभाग्य की प्रार्थना करें। अब आप जया पार्वती व्रत की कथा सुने और फिर आरती करके पूजा संपन्न करें। इसके बाद ब्राह्मण को भोजन करवाएं और इच्छानुसार दक्षिणा देकर उनके चरण छूकर आशीर्वाद ले सकते हैं। ध्यान रहे अगर आपने बालू रेत का हाथी बनाया है तो रात्रि जागरण के पश्चात उसे नदी या जलाशय में विसर्जित करें। देवशयनी एकादशी पर करें राशि के अनुसार उपाय अगर जुलाई में हुआ है आपका जन्म तो जरूर पढ़े यह खबर आपकी हर मनोकामना पूरी कर देगा बजरंग बाण का पाठ