रामपुर : शहर से भाजपा की उम्मीदवार जयाप्रदा ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं जहां काम करना चाहती हूं। वहां से मुझे प्रत्याशी बनाया गया है। ये मेरे लिए आज मेरे जन्मदिन का सबसे बड़ा गिफ्ट है। रामपुर सीट पर उनके सामने सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां चुनावी मैदान में हैं। यह उनका प्रभाव क्षेत्र माना जाता है। नमो टी.वी को लेकर चुनाव आयोग ने मांगी सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से रिपोर्ट पहले भी लड़ चुकी है चुनाव सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके पहले भी भाजपा के टिकट पर जयाप्रदा 1994 में रामपुर में सियासत के मैदान में उतरी थीं। उन्होंने तेलगूदेशम पार्टी से राजनीति शुरू की। चंद्रबाबू नायडू ने इन्हें राज्यसभा भेजा। पर, बाद में वह सपा में आ गईं। आजम खां ने ही 2004 में जयाप्रदा को रामपुर से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया। घर-घर वोट मांगे और जयाप्रदा सांसद हो गईं। पर, सपा की सियासत में अमर सिंह का प्रभाव बढ़ने के साथ ही जयाप्रदा और आजम के बीच रिश्ते बिगड़ते चले गए। मिशन शक्ति पर नासा के बयान को भारतीय विशेषज्ञों ने बताया दुष्प्रचार ऐसा है पूरा समीकरण जानकारी के लिए बता दें अमर सिंह और आजम खां तो वैसे भी एक-दूसरे के विरोधी थे। लिहाजा जयाप्रदा अमर के खेमे में खड़ी हो गईं। 2009 के चुनाव में आजम खां ने कोशिश की कि जया को टिकट न मिले। पर, अमर सिंह ने मुलायम सिंह यादव से जया को टिकट दिलवाकर आजम को झटका दिया। आजम ने जया का विरोध किया तो वह सपा से बाहर कर दिए गए। जया रामपुर से फिर सांसद चुन ली गईं। हिंदू आतंकवाद के मुद्दे पर ओवैसी ने मोदी को घेरा, गोडसे पर दिया बड़ा बयान अरुणाचल में बोले पीएम, एक परिवार ने देश पर 55 साल राज किया, फिर भी काम नहीं पाकिस्तान पर पड़ी महंगाई की मार, ऐसे हो गए है हालात