चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता की हालत एक बार फिर खराब होने के बाद सूबे के सियासी गलियारे में चहलकदमी तेज हो गई है. रविवार शाम जयललिता को हार्ट अटैक आने के बाद अपोलो हॉस्पिटल में ही तमिलनाडु कैबिनेट की मीटिंग हुई. चेन्नई से लेकर नई दिल्ली तक तमिलनाडु सरकार के भविष्य को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है. बड़ा सवाल है कि जयललिता के बाद उनका या पार्टी सियासी वारिस कौन होगा? अभी तक इस बारे में किसी के द्वारा कुछ भी नहीं कहा गया है किन्तु फिर भी जयललिता के उत्तराधिकारी के तौर पर संभावित उम्मीदवारों में इनमे से ही कोई हो सकता है. ओ. पनीरसेलवम- पनीरसेल्वम की पहचान जयललिता के ‘भक्त’ के रूप में है. जयललिता की गैरमौजूदगी में पनीरसेल्वम ही कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे हैं. 65 साल के पनीरसेल्वम पहले भी दो बार मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. उनके जेल जाने पर सार्वजनिक मंच पर आंसू नहीं रोक पाए थे. पानरुति रामचंद्रन- 78 साल के रामचंद्रन ने 2013 में सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था. इन्हें जयललिता के ‘कान’ के रूप में भी जाना जाता है. अपोलो अस्पताल में उन्हें सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. एम. थम्बीदुरई- लोकसभा के उप सभापति की योग्यता पर भी कोई सवाल नहीं उठा सकता. जयललिता की प्रत्येक चुनावी रैली में उनकी मौजूदगी जरूर होती है. 69 साल के थम्बीदुरई को राजनीति का लंबा अनुभव है. इडापड्डी पलानीस्वामी- पेशे से इंजीनियर पलानीस्वामी सरकार के शक्तिशाली मंत्रियों में से एक हैं. 57 साल के पलानीस्वामी ताकतवर गौंडार समुदाय से ताल्लकु रखते हैं. मा फोई पांडियाराजन- अन्नाद्रमुक के उभरते सितारे पांडियाराजन मैनेजमेंट सलाहकार रह चुके हैं. 57 साल के पांडियाराजन सदन में अंग्रेजी बोलने वाले चुनिंदा विधायकों में से एक हैं. अजित कुमार- एआईएडीएमके का दावा है कि जयललिता ने अपने उत्तराधिकारी और तमिलनाडु के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर दक्ष‍िण भारतीय अभिनेता अजित कुमार को चुन लिया था. कहा जा रहा है कि उत्तराधिकारी को लेकर यह फैसला जयललिता की वसीयत में लिखा हुआ है और इस वसीयत से जयललिता के बेहद भरोसमंद सहयोगी अच्छी तरह अवगत भी है. लेकिन, अजित को लेकर सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उन्हें सियासत का कोई अनुभव नहीं है. जयललिता के लिए की जा रही हैं दुआएं