जदयू में बीते काफी दिनों से सीएम नीतिश कुमार और महासचिव के बीच तकरार देखने को मिल रही है. दो नेता लगातार एक दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे है. लेकिन अब नीतिश कुमार किसी भी प्रकार की रहमत बरतने के मुड में नही है. इसलिए दूसरे दिन बड़ा बयान देते हुए कहा है पवन वर्मा के लिख पत्र को वे कोई तवज्‍जो ही नहीं देते. विधानसभा चुनाव के दौरान टेप हुए थे ठाकरे-पवार के फ़ोन, अब उद्धव सरकार ने बिठाई जांच मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पवन वर्मा ने बीते दिनों एक पत्र लिखकर नीतीश कुमार से दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन पर आपत्ति दर्ज की थी. तथा इसपर पुनर्चिचार का आग्रह किया था. उन्‍होंने कई आरोप भी लगाए थे. इसके पहले वे नागरिकता संशोधन कानूनव राष्‍ट्रीय नागरिक रजिस्‍टर के खिलाफ पार्टी लाइन के खिलाफ बयानबाजी भी कर रहे थे. गुरुवार को नीतीश कुमार ने इसपर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि उन्‍हें जहां जाना हो, जाएं. जवाब में पवन वर्मा ने कहा कि जबतक उनके पत्र का जवाब नहीं मिलता, वे कहीं नहीं जाने वाले.फिर शुक्रवार को नीतीश कुमार ने कहा है कि वे पवन वर्मा के पत्र को कोई तवज्‍जो नहीं देते. नीतीश कुमार ने कहा कि पत्र लिखने ये कौन सा तरीका है कि पहले पत्र को ई मेल करते हैं, फिर मीडिया में जारी कर देते हैं. यह ठीक नहीं है. 950 लड़के-लड़कियों को मानव तस्करों के जाल से अपने बल पर इस महिला ने कराया मुक्त अगर आपको नही पता तो बता दे कि पवन वर्मा के अलावा पार्टी के राष्‍ट्रीय उपाध्‍यक्ष प्रशांत किशोर भी सीएए और एनआरसी के मुद्दों पर लगातार पार्टी लाइन के खिलाफ बयान दे रहे हैं. नीतीश कुमार ने पहले इन बातों पर ध्‍यान नहीं दिया. लेकिन जब पवन वर्मा ने उन्‍हें पत्र लिखकर कई आरोप लगाए तथा उसे मीडिया में भी जारी कर दिया. इसी दौरान प्रशांत किशोर ने सीधे बीजेपी अध्‍यक्ष अमित शाह को सीएए व एनआरसी लागू करने की चुनौती देता बयान दे डाला. जामिया हिंसा: पुलिस हिरासत में आरोपी फुरकान, पूछताछ कर रही क्राइम ब्रांच Ind Vs NZ: भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच पहला मैच आज, अब तक T 20 में कीवियों ने किया है राज अखिलेश ने शाहिन बाग की महिलाओं को बताया रानी लक्ष्मीबाई, सीएम योगी पर साधा निशाना