रांची: झारखंड की राजधानी रांची से एक नौकरानी को बुरी तरह प्रताड़ित किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता जनजाति समाज से ताल्लुक रखती है। आरोपित महिला सीमा पात्रा पूर्व IAS अधिकारी महेश्वर पात्रा की पत्नी है। वह सियासत में भी सक्रिय हैं। भाजपा का दामन थामने से वह कांग्रेस की सदस्य थी। पीड़ित नौकरानी की पहचान सुनीता के रूप में हुई है। रिपोर्ट के अनुसार, राँची के अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित पात्रा के घर में उसे बंधक बनाकर रखा गया था। उसे लगातार प्रताड़ित किया जाता था। बताया जा रहा है कि झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग के अधिकारी विवेक बास्की को सुनीता के बंधक होने की खबर मिली थी। उन्होंने राँची पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद 22 अगस्त 2022 को सुनीता को मुक्त कराया गया। इस मामले में अब तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग दस वर्ष पूर्व पात्रा के घर सुनीता को काम करने के लिए लाया गया था। बाद में उसे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली भेज दिया गया, जहाँ पात्रा की बेटी वत्सला रहती थी। दिल्ली से उनके तबादले के बाद सुनीता वापस राँची पात्रा के घर आ गई। यहाँ उसकी पिटाई होती थी। जब उसने घर जाने की अनुमति माँगी, तो उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया। सुनीता का शरीर चोटों से भरा हुआ है। उसके साथ आए दिन प्रताड़ित की जा रही थी। पीड़िता के शरीर को भी कई बार गरम तवे से दागा गया। कथित तौर पर उसे जीभ से शौच साफ करने के लिए भी विवश किया जाता था। बताया जा रहा है कि लोहे की रॉड से पिटाई की वजह से उसके तीन-चार दाँत भी टूट चुके हैं। स्थिति ऐसी है कि न तो वह खुद से खड़ी हो पा रही और न ही सही तरीके से कुछ बोल पा रही। फिलहाल राँची के रिम्स हॉस्पिटल में पीड़िता का उपचार चल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा पात्रा के बेटे आयुष्मान ने सुनीता के साथ मारपीट का कई दफा विरोध किया था। इस दौरान उसकी अपनी माँ से बहस भी जो जाती थी। बाद में उसे भी मानसिक रोगी बताकर अस्पताल में एडमिट करवा दिया गया। आधे घंटे तक नहीं खुला एम्बुलेंस का दरवाजा, अंदर ही मर गया घायल शख्स भारत के 9 राज्यों में अल्पसंख्यक हो गए हिन्दू.., लेकिन नहीं मिला दर्जा JNU के रेक्टर अजय दुबे ने पद से दिया इस्तीफा, लगे थे घोटाले के आरोप