रांची: झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार में श्रम एवं रोजगार मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे मुकेश भोक्ता की नियुक्ति हाल ही में चतरा सिविल कोर्ट में चपरासी के पद पर हुई है। इसके अलावा, उनके भतीजे रामदेव भोक्ता का नाम अब उसी पद के लिए प्रतीक्षा सूची में है। भर्ती पर विवाद:- बता दें कि, झारखंड के चतरा सिविल कोर्ट में चपरासी, ट्रेजरी मैनेजर, ऑफिस और चौकीदार सहित विभिन्न पदों के लिए अगस्त 2023 में भर्ती हुई थी। इन पदों के लिए मंत्री सत्यानंद भोक्ता के बेटे और भतीजे मुकेश भोक्ता और रामदेव भोक्ता ने आवेदन किया था। आवेदन प्रक्रिया में ऑफ़लाइन आवेदन शामिल थे, और उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया गया था, साथ ही जिला चयन समिति द्वारा सफल उम्मीदवारों की अंतिम सूची तैयार की गई थी। विवाद तब खड़ा हुआ जब मुकेश भोक्ता और रामदेव भोक्ता का नाम सूची में आया, जिसमें मुकेश को चपरासी का पद मिला और रामदेव को प्रतीक्षा सूची में रखा गया। प्रतिक्रियाएँ और मुकेश भोक्ता का रुख:- आलोचक मुकेश भोक्ता के पिता की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए चपरासी की नौकरी स्वीकार करने पर सवाल उठा रहे हैं। हालाँकि, मुकेश अपने निर्णय पर दृढ़ हैं और कहते हैं कि अपने पिता के राजनीतिक कद के बावजूद, उन्होंने नौकरी अर्जित की और अपने कर्तव्यों को पूरा करने का इरादा रखते हैं। मुकेश इस बात पर जोर देते हैं कि उनके पिता का राजनीतिक करियर जनता के जनादेश का परिणाम है, और चपरासी के रूप में उनकी नौकरी एक व्यक्तिगत उपलब्धि है, जिसे वह स्वतंत्र रूप से अपनाएंगे। राजनीतिक पृष्ठभूमि:- बता दें कि, मुकेश के पिता सत्यानंद भोक्ता चतरा सीट से राजद के मौजूदा विधायक हैं और हेमंत सोरेन गठबंधन सरकार में मंत्री पद पर हैं। पहले भाजपा से जुड़े रहे सत्यानंद भोक्ता ने पार्टी बदल ली और राजद में शामिल हो गए। इस घटनाक्रम ने सरकारी भर्तियों में राजनीतिक प्रभाव और व्यक्तियों द्वारा उनके पारिवारिक और राजनीतिक संबंधों के बावजूद चुने गए विकल्पों पर बहस छेड़ दी है। आंध्र प्रदेश से टकराएगा चक्रवाती तूफ़ान 'माइचांग' , पीएम मोदी ने सीएम जगन रेड्डी से की बात, दिया हर मदद का भरोसा 'जनता जनार्दन को नमन करता हूँ..', तीन राज्यों में भाजपा की प्रचंड जीत पर पीएम मोदी ने जताया आभार 'हिंदुत्व के नाम पर सत्ता हासिल करो, फिर आराम से सेक्युलर राजनीति करो..', विपक्षी दलों को आरफा खानुम शेरवानी की 'धोखा' देने वाली नसीहत !