झारखंड। झारखंड में नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त कर दिया। नक्सलियों द्वारा आदिवासियों की जमीन को सरकार द्वारा अधिगृहित करने का विरोध किया जा रहा है। यह सब संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949, और छोटा नागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 के तहत हो रहा है। इसके तहर सरकार उद्योगों के लिए जमीनें उपलब्ध करवा सकती हैं। हालांकि विपक्ष इस नियम का विरोध करने में लगा है। इसमें कृषि भूमि का समावेश भी है। दरअसल यहां के हजारीबाग स्टेशन के समीप नक्सलियों ने रेलवे ट्रैक पर हमला कर दिया। इतना ही नहीं नक्सलियों के हमले हेतु चिचाकी व कर्माबांध स्टेशन के बीच ट्रैक को नुकसान पहुंचाया। दरअसल यह ट्रैक हावड़ा से नई दिल्ली रेलवे लाईन का था। इस घटना के बाद आरपीएफ जवान घटनास्थल पर पहुंचे। माओवादियों ने गिरिडीह व डुमरी मार्ग पर बोलेरो वाहन में आग लगा दी। गौरतलब है कि नक्सलियों ने बिरनी के गारागुरो क्षेत्र में निर्माणाधीन सड़क पर तीन मशीनों को आग की भेंट कर दिया। गौरतलब है कि नक्सलियों ने अपने विरोध के दौरान 29 मई को एक दिन के बंद की घोषणा की है। वे आदिवासी जमीन को सरकार द्वारा अधिगृहित करने का विरोध कर रहे हैं। नक्सलियों ने चेतावनी दी है कि बंद के दौरान आवश्यक वाहन तक नहीं चलने दिए जाऐंगे। नक्सलियों का सामना करने के लिए ड्रोन की सहायता ली जा रही है। तो दूसरी ओर अब नक्सलवाद काफी कमजोर हो रहा है। मई नक्सली कमांडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। कुछ नक्सली नेताओं के यहां पर कुर्की कार्रवाई की जा रही है। कोबरा में लिया सुमका के शहीदों का बदला,अब तक 20 नक्सली ढेर सड़क निर्माण कार्य की सुरक्षा में लगे BSF जवानों पर नक्सलियों ने किया हमला सुकमा हमले को लेकर सामने आए आश्चर्यजनक तथ्य, ग्रामीणों ने की नक्सलियों की सहायता