झारखण्ड में कोयला घोटाले की आंच कोयलों जितनी गर्म है. आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और उनके कैबिनेट के कई सहयोगी इस मामले में न्यायालय के कटघरे में हैं. झारखंड को स्थापित हुए कुछ ही वर्ष हुए हैं पर इस राज्य में घोटालों कि संख्या इस राज्य की उम्र से भी ज्यादा हो गई है. यहाँ कोयला घोटाले के अलावा भी कई घोटाले हुए हैं. एक बड़ा मामला दवा घोटाला का है,जिसमें तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिवों के खिलाफ सीबीआई की न्यायालय में मुकदमा चल रहा था. इस मामले में आज सीबीआई की अदालत ने आरोपी झारखंड के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भानू प्रताप शाही, आइएएस अधिकारी व संप्रति प्रमंडलीय आयुक्त डॉ प्रदीप कुमार और पूर्व स्वास्थ्य सचिव सियाराम प्रसाद के खिलाफ आरोप तय कर दिया. सभी के खिलाफ अब मुकदमा चलेगा. दरअसल राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने 130 करोड़ से अधिक के दवा और उपकरण खरीदे थे. खरीदारी से पूर्व यह पता नहीं लगाया गया कि किस जिले को कितनी दवा चाहिए. तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव डॉ. प्रदीप कुमार ने नियमों को दरकिनार कर चहेतों को सप्लाई का ऑर्डर दिया और बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर खरीदारी की गई. इसके तहत जिलों को जरूरत से अधिक दवा भेज दी गई. इसके बावजूद लाखों रुपए की दवा और उपकरण आरसीएच के सेंट्रल वेयर हाउस में सड़ गए. लूट डालकर भाग रहे चोरों की सड़क दुर्घटना में मौत ज़मीन विवाद के चलते युवक की ऑंखें फोड़ी शिक्षक द्वारा नाबालिग छात्रा के साथ जंगल में पिटाई और दुष्कर्म