झारखंड : आज देश में 69वे गणतंत्र दिवस का जश्न मनाया गया, लेकिन आज भी भारत देश में इंसानो को खरीदा बेचा जाता है. इसी कड़ी में चूरू में एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है. झारखण्ड के देवघर जिले के बामन गामा से 22 वर्षीया महिला का अपहरण कर उसे 1 लाख 30 हजार रुपए में चूरू के छाजूसर गांव में बेचा गया. लेकिन महिला खरीददार के पास से भागने में सफल हो गई और चूरू जिला मुख्यालय जा पहुंची. महिला पुलिस को यह महिला बस स्टैंड पर मिली उसके बाद महिला की शिकायत पर महिला थाना में रिपोर्ट दर्ज़ की गई और अपहरण (धारा 363, 366) व मानव तस्करी (धारा 370) की धाराओं के तहत केस फ़ाइल किया गया. वहीँ जानकारी मिली है कि मानव तस्करी में संलिप्त इस गिरोह के तार कई राज्यों में फैले हैं. इनके तार झुंझुनू, नागौर ही नहीं बल्कि दिल्ली, असम और मेघालय तक जुड़े बताये जा रहे हैं. वहीँ पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि 12 अक्टूबर 2017 को चार लोगों ने इस विवाहिता का अपहरण कर लिया था. महिला जब अपने बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्र लेने जा रही थी उस वक़्त रास्ते में चारों बदमाश ने महिला को अगवा कर कार में खींच कर बैठाया और बेहोश कर दिया. फिर उसे झुंझुनू जिले के बुहाना में ले गए और राजकुमार नाम के एक शख्स के पास इसे छोड़ा गया. वहीँ महिला ने पुलिस को जानकारी में बताया कि राजकुमार के पास और कई लड़कियां है जिन्हे अलग-अलग जगह से अगवा किया गया है. महिला ने बताया कि बुहाना में उसे तकरीबन 2 महीने तक कैद कर के रखा गया. 2 महीने बाद महिला का सौदा चूरू के गांव छाजूसर निवासी शेरसिंह राजपूत से किया गया. महिला को 1 लाख 30 हजार रुपए में शेरसिंह को बेचा गया. जैसे-तैसे महिला शेरसिंह के चंगुल से छूट कर मुख्यालय पहुंची और शिकायत दर्ज़ कराई. वहीँ महिला की शिकायत पर शेरसिंह को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और अब राजकुमार की तलाश की जा रही है. 25 सालों के इंतज़ार के बाद पाकिस्तान से आई आवाज़ 5 साल की मासूम बनी, मामा की हवस का शिकार केंद्रीय मंत्री ने डार्विन के सिद्धांत से असहमति जताई