'जब कोरोना में चुनाव हो सकते हैं तो जनगणना क्यों नहीं ?' केंद्र से जीतनराम मांझी का सवाल

पटना: 2011 के बाद 2021 में जनगणना प्रस्तावित थी. कुछ दिनों पहले तक बिहार में केंद्र से मिले निर्देश के बाद इसके लिए तैयारी भी आरंभ कर दी गई थी, किन्तु कोरोना महामारी के कारण अभी यह ठंडे बस्ते में है. इसको लेकर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने सरकार पर निशाना साधते हुए जाति आधारित जनगणना अविलंब शुरू करने की मांग की.

 

जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि, "वर्तमान स्थिति में देश की जनगणना आवश्यक है परंतु कोरोना के कारण जनगणना कार्य को रोककर रखा गया है. देश में जब चुनाव हो सकतें हैं तो जनगणना से परहेज क्यों? भारत सरकार से अनुरोध है कि 10 वर्षीय जनगणना के साथ-साथ जाति आधारित जनगणना अविलंब शुरू किया जाए." गौरतलब है कि इस साल होने वाली जनगणना की प्रशासनिक तैयारी आरंभ कर दी गई थी. दो चरणों में जनगणना पूरी की जानी थी. इसके लिए कर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जानी थी. भारत सरकार के गृह मंत्रालय के आदेश पर बिहार के जनगणना निदेशक के निर्देश पर ही तैयारी शुरू की गई थी, किन्तु कोरोना के कारण यह टल गई.

बता दें कि जनगणना में केवल लोगों की गिनती नहीं होती, बल्कि सारा ब्योरा होता है. भारत में जनगणना कानून भी है जिसके तहत हर दस साल पर यह कराया जाता है. इससे पहले यह 2011 में ही हुई थी, जिसके बाद अब 2021 में होना था. कोरोना के कारण यह टल रही है, जिस पर बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सवाल किया है.

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