कब है जीवित्पुत्रिका व्रत? जानिए सही तिथि और मुहूर्त

जीवित्पुत्रिका व्रत अश्वनी मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हर साल रखा जाता है। जी हाँ और इसको जितिया व्रत कहते है। वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल जीवित्पुत्रिका व्रत 18 सितंबर दिन रविवार को रखा जाएगा। आपको बता दें कि जीवित्पुत्रिका व्रत में माता अपनी संतानों की रक्षा व अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं। कहा जाता है इस व्रत को 24 घंटे निर्जला रखा जाता है। जी हाँ और यह व्रत सबसे कठिन व्रतों में से एक है। आपको बता दें कि जीवित्पुत्रिका व्रत 3 दिन तक मनाया जाता है और उसके बाद नवमी तिथि के दिन इस व्रत का पारण किया जाता है। अब हम आपको बताते हैं जीवित्पुत्रिका व्रत के महत्व के बारे में और इसके शुभ मुहूर्त के बारे में।

जानिए शुभ मुहूर्त- जी दरअसल हिंदू पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से लेकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है। यह व्रत 18 सितंबर को रखा जाएगा। उसके बाद इसका पारण 19 सितंबर को होगा। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार 17 सितंबर को दोपहर 2 बजकर 14 मिनट पर अष्टमी तिथि प्रारंभ होगी और 18 सितंबर दोपहर 4 बजकर 32 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं उदया तिथि के अनुसार, जितिया का व्रत 18 सितंबर 2022 को रखा जाएगा और इसका पारण 19 सितंबर 2022 को किया जाएगा। 19 सितंबर की सुबह 6 बजकर 10 मिनट के बाद व्रत का पारण किया जाएगा।

इन देव की होती है पूजा- आपको बता दें कि जीवित्पुत्रिका व्रत में जीमूत वाहन देवता की पूजा की जाती है। वहीं पूजन के समय मिट्टी व गाय के गोबर से चील और सियारिन की मूर्ति बनाकर उन्हें लाल सिंदूर लगाया जाता है। उसके बाद जीवित्पुत्रिका की कथा पढ़ी जाती है और फिट अपनी संतानों के सेहत के अच्छा रहने और प्रगति की कामना की जाती है।

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