नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर और देवरिआ की घटनाओं पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि अगर JJ (जुविनाइल जस्टिस) एक्ट को सही तरीके से लागु किया जाता तो आज मुजफ्फरपुर और देवरिआ जैसी घटनाएं नहीं होती। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और विभिन्न राज्यों की सरकारों को सुझाव दिया है कि वे अपने-अपने स्तर पर शेल्टर होम्स की निगरानी के लिए कमिटियाँ बनाये। पादरियों पर हज़ारों बच्चों से यौन शोषण करने का आरोप- अमेरिका की रिपोर्ट इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम में बच्चों की संख्या में तेजी से आई कमी पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से सवाल किया है कि आखिर बच्चों की संख्या में इतनी कमी क्यों आई ? कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा की शेल्टर होम में बच्चों के गायब होने की ये जो संख्या है वो बहुत ही चिंताजनक है। दरअसल केंद्र सरकार की ही रिपोर्ट के अनुसार 2016 में ये संख्या 4 लाख थी जो 2018 में घटकर 2 लाख रह गयी है। 'एससी-एसटी अपने आप में ही प्रमोशन के हकदार' : केंद्र गौरतलब है कि देश में 9569 शेल्टर होम है जिसमें से लगभग 5000 रजिस्टर्ड नही है। इसके साथ ही 50 फीसदी से ज्यादा शेल्टर होम ओवर क्राउडेड भी है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई अगले मंगलवार को होगी। ख़बरें और भी अलवर मॉब लिंचिंग: SC में राज्य सरकार को लगाई फटकार, माँगा कार्यवाही का ब्यौरा मणिपुर एनकाउंटर मामला: कल होगी सीबीआई डायरेक्ट की पेशी केरल बाढ़ संकट : सुप्रीम कोर्ट ने दिए सरकार को दिशानिर्देश