नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्‍ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के रेक्टर अजय कुमार दुबे ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है, जिसे अथॉरिटी ने मंजूर भी कर लिया गया है। इस बारे में एक नोटिस भी आधिकारिक तौर पर यूनिवर्सिटी द्वारा जारी किया गया है। रेक्टर पर फेलोशिप की मांग करने वाले स्टूडेंट्स पर जानलेवा हमला करने, महिला सहकर्मी को परेशान करने और गैर-कानूनी रूप से NGO चलाने का इल्जाम था। गौरतलब है कि 18 अगस्त को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने रेक्टर से संपर्क किया था और हॉस्‍टल की खस्ता हालत और कैंपस में पानी के संकट के बारे में जवाब मांगा था। शिक्षकों के एक वर्ग ने यहां तक इल्जाम लगाया था कि रेक्टर अपने यूनिवर्सिटी के पते से दो गैर सरकारी संगठन (NGO) चला रहे थे जो नियमों का उल्लंघन है। हालांकि, दुबे ने इस आरोप को नकार दिया था। टीचर्स का कहना है कि प्रवासी पहल संगठन (ODI) और अफ्रीकन स्टडीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ASAI), दो गैर-सरकारी संगठन, अव्वय्यार संवाद फोरम (ASF) के अंतर्गत पंजीकृत हैं और इनका आधिकारिक पता JNU परिसर है। गत माह फैकल्‍टी सदस्यों के बीच ASF ने दावा किया कि अजय दुबे, जो यूनिवर्सिटी के रेक्टर- I हैं, उन्‍होंने "वित्तीय कुप्रबंधन" यानी फंड्स में हेराफेरी की है और व्यक्तिगत और व्यावसायिक लाभ के लिए अपनी शक्ति और स्थिति का गलत इस्तेमाल किया है। भारत जोड़ो से पहले 'आज़ाद' का कांग्रेस तोड़ो अभियान ! एक साथ 65 नेताओं का इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट ने पुछा- SIMI पर बैन आगे बढ़ाएं या नहीं ? भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाना है इसका मकसद सर्जिकल स्ट्राइक में शामिल रहे कमांडो हरवीर सिंह का दुखद निधन