नई दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) देशद्रोह मामले में आरोपी कन्हैया और उमर खालिद के विरोध दायर दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र को अभी तक केजरीवाल सरकार से आवश्यक मंज़ूरी नहीं मिली है. पटियाला हाउस कोर्ट ने आज कहा है कि अब दिल्ली सरकार से जवाब लिया जाएगा. शनिवार को सुनवाई के दौरान अदालत में DCP स्पेशल सेल प्रमोद कुशवाहा हाजिर हुए थे. 11 महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा बजटीय लक्ष्य का 134.2 फीसदी हुआ उच्च न्यायालय के पुराने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि आरोप पत्र के लिए मंजूरी प्रशाशनिक कार्य है, जांच से इसका कोई लेना देना नहीं है, बिना इजाजत के भी चार्जशीट दायर की जा सकती है और हमारे आग्रह के बाद भी फाइल अभी भी दिल्ली सरकार पास लंबित है. अदालत ने डीसीपी से कहा कि इस मामले में आपकी भूमिका समाप्त हो चुकी है, अब हम दिल्ली सरकार से ही जवाब लेंगे. दरअसल, शुक्रवार को अदालत ने डीसीपी को बुलाया था. अदालत ने डीसीपी को रिपोर्ट के साथ शनिवार अदालत में हाजिर होकर बताने के लिए कहा था कि अब तक दिल्ली सरकार से मुकदमा चलाने के लिए इजाजत क्यों नहीं मिली और बिना मंजूरी के दिल्ली पुलिस ने आरोप-पत्र दाखिल क्यों की?. वित्त वर्ष के अंतिम दिन 127.19 अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ सेंसेक्स गत सुनवाई में पुलिस की ओर से अदालत को बताया गया था कि अभी तक मुकदमा चलाने की इजाजत सरकार से नहीं मिली है और इस प्रक्रिया में दो से तीन महीने का वक़्त लग सकता है. इस पर अदालत नेपुलिस से पूछा था कि जब इजाजत नहीं मिली थी तो चार्जशीट दाखिल करने की जल्दी क्या थी? अदालत ने मामले की जांच कर रहे डीसीपी से भी जवाब तलब किया था. वहीं, पुलिस की ओर से वह वीडियो भी अदालत के समक्ष रखा गया था, जिसके आधार पर जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के विरुद्ध देशद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया था. खबरें और भी:- जल्द दाखिल करा लें इनकम टैक्स रिटर्न, यह है अंतिम तिथि डीजल के दामों में नजर आई गिरावट, पेट्रोल में जारी है स्थिरता एक दिवसीय दौरे पर ओडिशा पहुंचे पीएम मोदी, कुछ देर जगदलपुर एयरपोर्ट पर भी रुके