JNU के जिस स्टूडेंट पर लगे यौन शोषण के आरोप, अब वह स्कॉलरशिप पर जाएगा रूस

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के एक स्टूडेंट पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। आरोपित केशव कुमार ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स यूनियन (AISA)’ का स्टूडेंट लीडर रह चुका है। बता दें कि AISA एक वामपंथी छात्र संगठन है। ये CPI(ML) की स्टूडेंट यूनिट है। JNU स्टूडेंट यूनियन ने खुद को केशव कुमार से अलग करते हुए इस मामले में सख्त कार्रवाई की माँग की है। केशव कुमार के करीबी स्टूडेंट्स ने भी एक बयान जारी करते हुए खुद को उससे अलग कर लिया है।

‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद’ (ABVP) की सेन्ट्रल वर्किंग कमिटी की मेंबर और 2015 में JNU छात्र संघ के उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ चुकीं वेलेंटिना ब्रह्मा ने इस केस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, 'एक बार फिर AISA का कुकर्म सामने आया है। छात्रा के साथ न केवल दुष्कर्म किया गया, बल्कि वीडियो भी बना लिया गया। चरित्र हनन और दुष्प्रभाव के चलते पीड़िता शिकायत भी करने में असमर्थ हैं।' ‘स्टूडेंट्स ऑफ द सेंटर फॉर रसियन स्टडीज’ के ‘बैचलर ऑफ आर्ट्स’ के थर्ड स्टूडेंट के स्टूडेंट्स ने बयान जारी करते हुए कहा कि उनके संज्ञान में आया है कि कक्षा के एक छात्र केशव कुमार पर यौन शोषण के आरोप लगे हैं। छात्रों ने कहा कि उसके खिलाफ लड़कियों के विरुद्ध यौन अपराध के संगीन आरोप लगे हैं। इसमें अपने अंतरंग पार्टनर के साथ हिंसा, दुष्कर्म की कोशिश, बिना इजाजत के महिला की आपत्तिजनक अवस्था में तस्वीरें लेना और फिर इन तस्वीरों व वीडियो के सहारे उसे ब्लैकमेल करने जैसे इल्जाम शामिल हैं।

कम से कम 4 ऐसे स्टूडेंट सामने आए हैं, जिनके सामने केशव कुमार ने अपने ब्लैकमेलिंग कंटेंट दिखाए थे। ये भी पता चला है कि केशव कुमार न केवल इस बैच का ‘SFC प्रतिनिधि’ है, बल्कि उसे यूनिवर्सिटी द्वारा रूसी दूतावास के माध्यम से स्कॉलरशिप पर रूस भी भेजा जा रहा है। उसे मॉस्को में स्थित RUDM यूनिवर्सिटी से मास्टर्स का कोर्स करने के लिए रूस भेजने का फैसला लिया गया है। ‘सेंटर फॉर रसियन स्टडीज’ ने इस फैसले को फ़ौरन वापस लेने की माँग की है। उसके बैच के स्टूडेंट्स ने कहा है कि, 'हम इस प्रकार की हरकतों से एकदम हैरान हैं और आक्रोशित हैं। हम केशव कुमार की हरकतों की निंदा करते हैं। हम पीड़िताओं के साथ खड़े हैं और हमारी माँग है कि ऐसा शख्स हमारा प्रतिनिधि नहीं हो सकता। साथ ही इस मामले की जाँच के साथ ही हम पीड़िताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की माँग करते हैं।” वहीं AISA ने भी ‘पितृसत्ता’ और ‘यौन प्रताड़ना’ के विरुद्ध होने की बात कही हैं।

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