जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है.... जो मेरा दोस्त भी है, मेरा हमनवा भी है वो शख्स, सिर्फ भला ही नहीं, बुरा भी है मैं पूजता हूँ जिसे, उससे बेनियाज़ भी हूँ मेरी नज़र में वो पत्थर भी है खुदा भी है सवाल नींद का होता तो कोई बात ना थी हमारे सामने ख्वाबों का मसअला भी है जवाब दे ना सका, और बन गया दुश्मन सवाल था, के तेरे घर में आईना भी है ज़रूर वो मेरे बारे में राय दे लेकिन ये पूछ लेना कभी मुझसे वो मिला भी है -राहत इन्दौरी