अगर आप बेरोजगार हैं, तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप एक नया रोजगार अपना सकते हैं। एक रेस्टोरेंट में जाइए और वहां पर फैशन डिजाइनर बन जाइए। अब ये न सोचिए कि रेस्टोरेंट में फैशन डिजाइनर का क्या काम। अजी बड़ा काम है वहां फैशन डिजाइनर का। रेस्टोरेंट में लोग आते हैं, खाना खाते हैं, लेकिन खाने के पहले खाने के साथ फोटो निकलवाते हैं। ये सेल्फी का क्रेज भी न। हाथ में रोटी, परांठा, सब्जी, बर्गर, डोसा आदि लेकर जब तक दो—चार सेल्फी न हो जाएं, तब तक खाना पचता नहीं है। अब हमारे एक साथी का रेस्टोरेंट है। बहुत दिनों बाद मिले, तो बोले बड़ा परेशान हूं। रेस्टोरेंट में लोग आते हैं और अलग—अलग फरमाइश देते हैं। कहते हैं कि रोटी गोल क्यों है, थोड़ी डिजाइनर बनाओ न, सेल्फी या फोटो लेनी है। अरे डोसा कोई दूसरी स्टाइल में है क्या? अब बताओ क्या करूं? डोसे की स्टाइल कहां से लाउं? डोसे में आलू भरा नहीं, डिजाइनर डोसा चाहिए आज की पीढ़ी को। फोटो लेते हैं, सोशल मीडिया पर अपडेट करते हैं और फिर खाना खाते हैं। ये भी लिखते हैं फोटो के साथ डोसा वेरी टेस्टी वट डिजाइन नॉट गुड। उनकी सेल्फी के चक्कर में मेरे रेस्टोरेंट के माल की बैंड बजी हुई है। हमने साथी को सुझाया, अरे एक फैशन डिजाइनर रख लो। वो बोले मतलब, हमने कहा, हां। जैसे फैशन डिजाइनर कपड़ों को डिजाइन करता है, वैसे ही एक पोस्ट निकालों, खाना फैशन डिजाइनर की। जो आकर खाने को डिजाइन करे, डोसे की अलग—अलग स्टाइल बताए। रोटी को अलग—अलग तरीके से बेलकर उसकी डिजाइन तैयार करे। सोच रही हूं कि कॉलेजों में भी एक अलग से कोर्स होना चाहिए, रोटी—सब्जी फैशन डिजाइनर का। बड़े काम का कोर्स है जी और रोजगार की 100 फीसदी गारंटी है इस कोर्स में। किसी रेस्टोरेंट या होटल में नौकरी न मिली, तो अपना रेस्टोरेंट खोल लो और लिख दो यहां डिजाइनर खाना मिलता है, फिर देखो कैसे लोग आते हैं। लगता दोस्त को हमारी बात जम गई, वो तो चले गए एक डिजाइनर की खोज में और हम सोच रहे हैं, क्यों न ऐसा कोई कोर्स कर लें और खुद ही नौकरी के लिए ऐप्लाई कर दें... तीखे बोल कटाक्ष: हाथ जोड़ फिर तोड़—फोड़ कटाक्ष: मुफ्त में ज्यादा कमाई सियासत में सब जायज है...