जॉन अब्राहम सिनेमा जगत के वह कलाकार हैं जिनके काम में बार बार परिवर्तन देखने को मिला है। वर्ष 2003 में जब जॉन ने फिल्म जगत में कदम रखा था तब किसी ने उम्मीद नहीं की थी कि यह चॉकलेटी हीरो आगे चलकर देशभक्ति और संजीदा मुद्दों की फिल्मों को नया स्तर प्रदान कर सकता है। वैसे तो आज अक्षय कुमार भी लगातार इस जॉनर की फिल्में कर रहे हैं लेकिन जॉन मुद्दों पर अधिक फोकस करते हैं। इनमें से कुछ फिल्में तो उन्होंने खुद ही प्रोड्यूस की हैं। कलाकारों में ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि जिस अभिनेता ने कभी एक्शन हीरो के तौर पर अपनी पहचान बनाई हो वह कंटेंट और गंभीर मुद्दों की फिल्मों के प्रति भी इतना जागरुक हो। वैसे तो जॉन 'मद्रास कैफे' और 'फोर्स' जैसी फिल्मों में फौजी और पुलिस अफसर का किरदार निभा चुके हैं परन्तु पिछले कुछ सालों में जॉन बार बार ऐसी फिल्मों के साथ सिनेमाघरों में दस्तक दे रहे हैं जिनके विषय को चुनना अपने में ही एक चुनौती है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ फिल्मों से रूबरू कराने जा रहे हैं। परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण (2018) जॉन अब्राहम ने साल 2018 में फिल्म 'परमाणु: द स्टोरी ऑफ पोखरण' के द्वारा भारतीय इतिहास की गौरवान्वित क्षण को पर्दे पर फिल्माया था। साल 1998 में भारत ने अंतराष्ट्रीय दबाव को दरकिनार करते हुए परमाणु शक्ति हासिल की थी। फिल्म में जॉन अब्राहम ने एक आईएएस का किरदार निभाया था। इस फिल्म का काफी हद तक श्रेय जॉन अब्राहम को जाता है क्योंकि उन्होंने इस फिल्म में अभिनय करने के साथ ही इसे प्रोड्यूस भी किया था। सत्यमेव जयते (2018) 'शूटआउट एट वडाला' के बाद दूसरी बार जॉन अब्राहम और मनोज वाजपेयी इस फिल्म में नजर आए थे। इस फिल्म में जॉन ने ऐसे व्यक्ति का किरदार अदा किया है जो समाज के दुश्मन बन चुके एक-एक पुलिसवालों का खात्मा करता है। बहुत जल्द ही इसका दूसरा पार्ट भी रिलीज होने वाला है। रोमियो अकबर वाल्टर (2019) इस फिल्म में जॉन अब्राहम ने एक खूफिया भारतीय एजेंट का किरदार निभाया है। भारत देश की सेवा के लिए वह अपनी जान की परवाह तक नहीं करता है और पाकिस्तान में जाकर भारत के खिलाफ बन रही एक-एक योजना को नाकाम करता है। फिल्म में उनके विभिन्न अवतार देखने को मिले हैं। बाटला हाउस (2019) शुरू से ही यह फिल्म अपने विषय के कारण काफी चर्चा में रही थी। यह फिल्म दक्षिणी दिल्ली के बाटला हाउस इलाके में हुए एनकाउंटर के ऊपर आधारित है। फिल्म में एनकाउंटर के इर्द-गिर्द घूमते पक्षों और परिस्थितियों पर प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही यह भी दिखाया गया है कि राजनीतिक और मीडिया के दबाव की वजह से पूरे घटनाक्रम पर कैसा असर पड़ा है। फिल्म में जॉन ने एसीपी संजय कुमार का किरदार निभाया है। पोलैंड से अमिताभ बच्चन ने शेयर की अपने 'बाबूजी' की यादें, कहा- 'पोलैंड में उनके...' मनोज बाजपेयी और ध्रुव सहगल ने क्रिटिक्स चॉइस शॉर्ट्स और सीरीज़ पुरस्कार जीतने पर आभार किया व्यक्त! कमाल खान के नागरिकता संशोधन अधिनियम पर किये गए ट्वीट पर आ रहे है जबरदस्त रिएक्शन