कभी चाय के बागानों में मजदूरी करने वाले जॉन बारला बने मोदी सरकार में मंत्री, बेहद संघर्षपूर्ण है कहानी

नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट में जॉन बारला (John Barla) को अल्पसंख्यक मामलों का राज्यमंत्री नियुक्त किया गया है. अलीपुरद्वार (Alipurduars) से भाजपा सांसद जॉन बारला की दास्ताँ अद्भुत और प्रेरणादायक है. कुछ वर्ष पूर्व तक चाय बागान में मजदूरी करने वाले जॉन आज केंद्र की सरकार में मंत्री पद पर सुशोभित हैं.

एक सामान्य परिवार में जन्मे जॉन बारला के पिता का नाम थॉमस बारला है. जॉन बारला जलपाईगुड़ी जिले के बनारहाट लक्ष्मीपारा चाय बागान के निवासी हैं. यही के महावीर हिंदी हाई स्कूल में जॉन ने 8वीं कक्षा तक पढ़ाई की. गरीबी के कारण पढ़ाई यहीं पर छोड़नी पड़ी और चाय बागान में मजदूरी करने लगे. 2007 तक जॉन ने चाय बागान में अस्थाई ड्राइवर के रूप में नौकरी की. दिहाड़ी मजदूर के रूप में उन्हें वेतन दिया जाता था, किन्तु राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले जॉन 2007 के बाद से ही गोरखालैंड विरोधी आंदोलन से जुड़ गए. धीरे धीरे समूचे डूअर्स इलाके में जॉन आदिवासी समाज का एक उभरने लगे.

इसके बाद ही जॉन बारला को आदिवासी विकास परिषद ने तराई डूआर्स कोऑर्डिनेशन कमिटी का अध्यक्ष बना दिया गया. इसके बाद 2014 में जॉन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्यता ग्रहण की. 2019 के लोकसभा चुनाव में जॉन बारला ने अलीपुरद्वार जीत दर्ज की और आज मोदी सरकार ने उन्हें अपने कैबिनेट में शामिल कर लिया है.

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