तारीफों के पुल बांधने वाली शायरिया

हमनेँ कहा तीखी मिर्ची हो तुम वो होँठो से होंठ लगाकर बोली और अब.

ग़ज़ब है उसका हंस के नज़र झुका लेना पूछो तो कहता है कुछ नही बस यूँ ही.

सूना है आज वो छत पर सोने जा रही है खुदा खैर कर उन सितारो की कही उसे चाँद समझ कर जमीं पर ना उतर आये.

साँस तो लेने दिया करो आखँ खुलते ही याद आ जाते हो.

कितनी मासूम सी तम्मना है नाम अपना तेरी ज़ुबां से सुनु.

इजाजत हो तो तेरे पास आ जाऊं मै चाँद के पास भी तो एक सितारा रहता है.

हम ख़ुशबू जैसे लोग है बस बिखरे-बिखरे रहते हैं.

आज कुछ और नहीं बस इतना सुनो मौसम हसीन है लेकिन तुम जैसा नहीं.

देख इतना कि नज़र लग ही जाये मुझे अच्छा लगता है तेरी नज़र से मर जाना.

कभी काजल कभी बिंदिया कभी चूड़ी कभी कजरा मुझे ज़ख़्मी किया ज़ालिम तेरे इन्ही हथियारो ने.

तेरे गुरुर को देखकर तेरी तमन्ना भी छोड दी हमने,  जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुझे मेरी तरह.

मुझे मिल गई है मुहब्बत की मंजिल, कोई पूछ ले मेरे हम सफ़र से.

तेरी आँखों से गुफ्तगू करके, मेरी आँखों ने बोलना सीख लिया.

दिखावे की मोहब्बत से बेहतर है, दिल से नफरत किजिये हमसे, हम सच्चे जज्बातो की बडी कदर करते है.

तेरी आँखों से गुफ्तगू करके, मेरी आँखों ने बोलना सीख लिया.

इस रियलिटी शो में लड़कियों को जगाने के लिए लड़के कर सकते हैं ये गन्दा काम

Video : आपके पुराने 500-1000 के नोटों का अब ऐसा हो रहा है हाल

फोटोशूट के लिए पेड़ पर ही उल्टा लटक गया ये फोटोग्राफर

Related News