तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद, काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे. एक बेहतरीन बारिश शायरी : सतरंगी अरमानों वाले, सपने दिल में पलते हैं, आशा और निराशा की, धुन में रोज मचलते हैं, बरस-बरस के सावन सोंचे, प्यास मिटाई दुनिया की, वो क्या जाने दीवाने तो, सावन में ही जलते है. कुछ तो हवा भी सर्द थी, कुछ था तेरा ख़याल भी, दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी. बादलों ने बहुत बारिश बरसाई, तेरी याद आई पर तू ना आई, सर्द रातों में उठ -उठ कर, हमने तुझे आवाज़ लगाई, तेरी याद आई पर तू ना आई, भीगी -भीगी हवाओ में, तेरी ख़ुशबू है समाई, तेरी याद आई पर तू ना आई, बीत गया बारिश का मौसम... बस रह गयी तनहाई, तेरी याद आई पर तू ना आई. कुछ तो तेरे मौसम ही मुझे रास कम आए, और कुछ मेरी मिट्टी में बग़ावत भी बहुत थी. जिस के आने से मेरे जख्म भरा करते थे, अब वो मौसम मेरे जख्मों को हरा करता हैं. आज अम्बर में बादल छाए है, बारिश के कुछ आसार लग रहे हैं, हो जाए तो बहुत अच्छा है, वरना... पंखे कूलर भी अब अंगार लग रहे हैं, पसीने से तर कपडे और यह मच्छर, उसपे लाइट के कट बार बार लग रहे हैं, कितने अच्छे होते हैं वो सर्दी के दिन, यह दिन सचमुच कितने बेकार लग रहे हैं. आपके WhatsApp Status के लिए फनी शायरी शिष्य ने सिखाई गुरूजी को संस्कृत माइंड ब्लोइंग जोक्स