1. आंसूओ तले मेरे सारे अरमान बह गये जिनसे उमीद लगाए थे वही बेवफा हो गये, थी हमे जिन चिरागो से उजाले की चाह वो चिराग ना जाने किन अंधेरो में खो गये . 2. क्या विश्वास नही तुम्हे हमारे विश्वास पे आज तुम फिर से ज़रा मेरी बातों पे एतबार तो करो यूँ ना कहो मुझे बेवफा, मैं बेवफा नही हूँ तुम मेरी वफ़ा को ज़रा समझने की कोशिश तो करो 3. वो मोहब्बत भी तेरी थी, वो नफ़रत भी तेरी थी, वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी तेरी थी, मैं अपनी वफ़ा का इंसाफ़ किस से माँगता?… वो शहर भी तेरा था, वो अदालत भी तेरी थी…. 4. इस बात का एहसास किसी पर ना होने देना.. के तेरी चाहतों से चलती है मेरी साँसें 5. हर दिल का एक राज़ होता है, हर बात का एक अंदाज़ होता है .. जब तक ना लगे बेवफ़ाई की ठोकर, हर किसी को अपनी पसंद पर नाज़ होता है.. 6. अब तो गम सहने की आदत सी हो गयी है रात को छुप – छुप रोने की आदत सी हो गयी है तू बेवफा है खेल मेरे दिल से जी भर के हमें तो अब चोट खाने की आदत सी हो गयी है. ब्रेकअप शायरी हरिवंश राय बच्चन की कलम से X-ray मशीन के अंदर घुस गई महिला वजह जानकर चौक जाएंगे आप