मशहूर कॉमेडियन कुणाल कामरा ने न्यायपालिका के विरुद्ध अपने ट्वीट्स के लिए सर्वोच्च न्यायालय के अवमानना नोटिस के उत्तर में माफी मांगने से मना कर दिया है। कामरा ने अपने हलफनामे में बताया है कि जोक्स हकीकत नहीं हैं तथा वो ऐसा होने का दावा नहीं करते हैं। उनके अधिवक्ता ने अदालत में दलील दी है कि चुटकुलों के लिए कोई बचाव की जरूरत नहीं है, तथा यह हास्य एक्टर की धारणा पर आधारित है। सर्वोच्च न्यायालय को सौंपे गए हलफनामे में कामरा ने कहा, "मेरा ट्वीट न्यायपालिका में जनता के भरोसे को कम करने की मंशा से नहीं है।" ऐसे में यदि सर्वोच्च न्यायालय मानता है कि मैंने एक लाइन पार कर ली है तथा मेरे इंटरनेट को अनिश्चित काल के लिए बंद करना चाहता है तो मैं भी अपने कश्मीरी मित्रों की भांति प्रत्येक 15 अगस्त को हैप्पी इंडिपेंडेंस डे पोस्ट कार्ड लिखूंगा।" उन्होंने कहा है कि लोकतंत्र में सत्ता की किसी भी संस्था को आलोचना से परे मानना तर्कहीन तथा अलोकतांत्रिक है। कामरा की ओर से कहा गया है कि अदालत एक ओर बोलने एवं अभिव्यक्ति की आजादी पर हमले का मामला देख रहा है तथा दूसरी ओर मुनव्वर फ़ारूक़ी जैसे हास्य स्टार्स को चुटकुलों के लिए जेल में डाल दिया गया है जो उन्होंने भी नहीं बनाया है। हलफनामे में उन्होंने बताया, "मैं न्यायालयों के कई निर्णय से सहमत नहीं हूं किन्तु इस बेंच से वादा करता हूं कि मैं किसी भी निर्णय का व्यापक मुस्कुराहट के साथ सम्मान करूंगा तथा इस केस में इस बेंच या SC की अवेहलना नहीं करूंगा क्योंकि वह हकीकत में कोर्ट की अवमानना होगी।" 2021 को बड़े पर्दे के मनोरंजन का साल मानती है यह अदाकारा 'रामायण' पर 300 करोड़ की फिल्म बनाएंगे मधु मेंटाना! राम-सीता के किरदार में नजर आएंगे ये स्टार्स बॉयफ्रेंड रणबीर से मिलने निकली आलिया भट्ट, एयरपोर्ट पर आईं नजर