नई दिल्ली: वाराणसी स्थित विवादित ज्ञानवापी परिसर से लेकर मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि तक मंदिर-मस्जिद का विवाद जारी है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ज्ञानवापी और मथुरा जैसे मुद्दों से दूरी बनाती हुई दिखाई दे रही है। भगवा दल ने यह संकेत दिया है कि ये मुद्दे राम मंदिर मुद्दे से अलग हैं, जिसके लिए पार्टी ने 1989 में पार्टी के अधिवेशन में प्रस्ताव पारित किया था। भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने सोमवार को संकेत दिया कि पार्टी वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस लेने के लिए जारी संघर्ष में सीधे नहीं उतरना चाहती। एक सवाल के जवाब में जेपी नड्डा ने कहा कि, ये मुद्दे भारत के संविधान और अदालत द्वारा तय होते हैं। भाजपा केवल इनका पालन करती है। जब उनसे पूछा गया कि क्या मथुरा और काशी में मंदिर अयोध्या मुद्दे की तरह भाजपा के एजेंडे में शामिल है। इस पर उन्होंने कहा कि, इन तीनों मुद्दों में अंतर है। नड्डा ने कहा कि, भाजपा ने अपने पालमपुर अधिवेशन के दौरान राम मंदिर मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद भाजपा में कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया। बता दें कि नड्डा भाजपा के 1989 में पालमपुर में हुए अधिवेशन का उल्लेख कर रहे थे। यहां भाजपा ने प्रस्ताव पारित करते हुए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अभियान में शामिल होने की नींव रखी थी। इसके बाद 26 सितंबर 1990 को पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से राम मंदिर के लिए रथ यात्रा प्रारम्भ की थी। 'शिवलिंग होता तो कब का तोड़कर हटा देते...', ज्ञानवापी पर मौलाना के बिगड़े बोल, क्या ये 'बेअदबी' नहीं ? बाबा मिल गए...! ज्ञानवापी के अंदर दिखा शिवलिंग.., सर्वे रिपोर्ट का Video वायरल जो दूध देना बंद करने पर गाय को बेसहारा छोड़ देते हैं..., उनपर योगी सरकार दर्ज करेगी FIR