शिमला के कोटखाई इलाके में कुछ समय पहले एक नाबालिग छात्रा के साथ गैंगरेप कर ह्त्या कर दी गई थी. इस मामले के आरोपियों में से एक सूरज की न्यायिक हिरासत में हत्या हो गई थी. इस मामले में पूर्व आईजी जहूर एच जैदी सहित 8 पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया था. आज पूर्व आईजी जहूर जैदी की ज़मानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस संदीप शर्मा की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों के बीच लंबी बहस चली, जिसमें दोनों ने अपन-अपना पक्ष रखा. आईजी की ओर से ज़मानत के लिए कई दलीलें पेश की गई. जबकि सीबीआई की ओर से वकील द्वारा ज़मानत का विरोध करते हुए दलील दी गई कि आईजी के खिलाफ धारा 302 और 129 बी के तहत मामला दर्ज है, जो गैरज़मानती हैं और साथ ही कहा गया कि इस प्रकरण पर जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व भी जैदी ही कर रहे थे. दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा है. मालूम हो कोटखाई गैंगरेप और मर्डर के आरोपियों में से एक सूरज की न्यायिक हिरासत में मौत के मामले में सीबीआई ने आईजी जूहूर जैदी समेत 9 पुलिसकर्मियों को 29 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था. सीबीआई मामले की जांच कर रही है. 9 वर्षीय बेटी को पिता ने बनाया हवस का शिकार परिवार के वोट ना देने पर बच्ची से हैवानियत नाबालिग से शादी कर धर्म परिवर्तन के लिए डाला एसिड