लंदन: एकाएक बढ़ा ही जा रहा कोरोना का प्रकोप आज पूरी दुनिया के लिए महामारी का रूप लेता रहा है. वही इस वायरस की चपेट में आने से अब तक 19000 से अधिक मौते हो चुकी है. लेकिन अब भी यह मौत का खेल थमा नहीं है. इस वायरस ने आज पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है. कई देशों के अस्पतालों में बेड भी नहीं बचे है तो कही खुद डॉ. इस वायरस का शिकार बनते जा रहें है. मिली जानकारी बके अनुसार इस बात का पता चला है कि विकिलीक्‍स के सह संस्‍थापक 48 वर्षीय जूलियन असांजे (Julian Assange) को कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बावजूद जमानत से इनकार कर दिया गया. उन्‍हें लंदन के बेलमार्श जेल में ही रहने को कहा गया है. ब्रिटेन में जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर असांजे को पिछले साल मई महीने में ब्रिटेन की एक अदालत ने 50 सप्‍ताह के लिए जेल की सजा सुनाई थी. इससे पहले अप्रैल 2019 में उन्हें लंदन में इक्वाडोर के दूतावास से गिरफ्तार किया गया. इक्वाडोर द्वारा राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा वापस लेने के कारण असांजे को गिरफ्तार किया गया. जंहा यह भी कहा जा रहा है कि इक्‍वाडोर दूतावास में वे वर्ष 2012 से ही थे जहां स्‍वीडन में लगाए गए यौन उत्‍पीड़न के मामले से बचने के लिए उन्होंने शरण ले रखी थी. बता दें कि फरवरी माह में ऐसी संभावना जताई गई थी कि असांजे फ्रांस में शरण मांग सकते हैं. उनके वकील एरिक डुपॉन्ड-मोरेट्टी ने इस बात की जानकारी दी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मोरेट्टी ने कहा कि फ्रांसीसी शरण अनुरोध मानवीय और स्वास्थ्य आधार पर किया जाएगा. असांजे का संयुक्त राज्य अमेरिका में 18 राज्यों में जासूसी और कंप्यूटर हैकिंग के लिए मामले में प्रत्यर्पण होना है. असांजे की कानूनी टीम फ्रांस में शरण पाने के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के संपर्क में है. असांजे ने भी कहा है कि उनके सबसे छोटे बच्चे की मां भी फ्रांसीसी हैं. बगदाद में फिर हुआ रॉकेट हमला, इराकी सेना ने किया दावा कोरोना से जंग के लिए तैयार हो रहा ब्रिटेन, कर रहा वेंटिलेटर्स का पर्याप्‍त इंतजाम ज़िम्बाब्वे में भी कोरोना का प्रकोप, चुनावी गतिविधियां हुईं निलंबित